
तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई भारी तबाही से हालात जमीन पर विस्फोटक बने हुए हैं. टूटी इमारतें और मलबों के ढेर में कई जान अभी भी फंसी हुई हैं. मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. 28 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लाखों घायल बताए जा रहे हैं. इस महाविनाश भूकंप का एक बड़ा साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है-पलायन. इस समय हजारों लोग प्रभावित इलाकों को छोड़ सुरक्षित ठिकानों के लिए निकल गए हैं. सबसे ज्यादा पलायन तुर्की के गजियांटेप, हटाई, नूरदगी और मारश इलाकों से देखने को मिल रहा है.
तुर्की में पलायन का दौर शुरू, एयरपोर्ट पर भारी भीड़
अब पलायन हो रहा है तो लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की व्यवस्था भी की जा रही है. इसी कड़ी में तुर्किश और पेगासस एयरलाइन ने फ्री एयर टिकट देने का ऐलान कर दिया है. प्रभावित इलाकों से लोगों को इस्तांबुल, अंकारा, अंतालिया जैसे स्थानों पर ले जाने की बात हुई है. इसके अलावा कॉलेज और यूनिवर्सिटी के जो हॉस्टल हैं, उन्हें भी लोगों को शरण देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इस समय तो Gaziantep एयरपोर्ट से भी जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्हें देख जमीन पर चल रहे पैनिक को साफ समझा जा सकता है. भारी संख्या में लोग प्रभावित इलाकों से बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं.
तुर्की के लिए देवदूत बना भारत, हर संभव मदद
वर्तमान स्थिति की बात करें तो तुर्की में जगह-जगह बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. भारत की तरफ से भी एनडीआरएफ की टीमें भेज दी गई हैं. इंडियन आर्मी ने तो तुर्की में अस्पताल भी बना दिए हैं, घायलों को तुरंत उपचार दिया जा रहा है. लेकिन क्योंकि तबाही बड़े स्तर पर हुई है, कई इमारतें जमींदोज हुई हैं, ऐसे में स्थिति सामान्य होने में काफी समय जाने वाला है. माना जा रहा है कि नई इमारतें खड़ी करने में ही एक साल से ज्यादा का वक्त निकल जाएगा.
भूकंप की तबाही के बीच लूटपाट
अब एक तरफ इस मलबे को समेटना चुनौती है तो दूसरी तरफ भूकंप के बाद शुरू हुई लूटपाट भी परेशानी का सबब बन गई है. तुर्की में लूटपाट की घटनाएं बढ़ गई हैं. पुलिस ने भूकंप के बाद लूटपाट मचाने वाले 48 लोगों को गिरफ्तार किया है. तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, 6 फरवरी को को आए शक्तिशाली 7.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप के झटके के बाद लूटपाट के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी. इन घटनाओं के बाद जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.
कब आया भूकंप, कितनी तबाही?
जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वीं झटका आया.