
तुर्की में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद जो विनाशकारी तस्वीरें सामने आ रही हैं, उससे सभी खौफजदा हैं. तुर्की और सीमावर्ती सीरिया में अब तक भूकंप से 1100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं. बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. इस आपदा के बीच 10 भारतीय तुर्की के भूकंप प्रभावित हिस्सों में फंसे हुए हैं.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि तुर्की के भूकंप प्रभावित हिस्सों में फंसे ये भारतीय सुरक्षित हैं लेकिन एक भारतीय लापता है. भारत सरकार तुर्की में लापता भारतीय के परिवार के संपर्क में बना हुआ है. भारत ने भूकंपग्रस्त तुर्की और सीरिया की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है.
बता दें कि तुर्की में रह रहे भारतीयों की संख्या 3000 है और सभी सुरक्षित हैं.
भारत सहित 70 देश कर रहे मदद
भूकंप की भीषण मार झेल रहे तुर्की को भारत सहित दुनियाभर के 70 देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत सरकार ने तुर्की के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए गाजियाबाद और कोलकाता बेस से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 101 कर्मियों वाली 2 USAR टीमों की तैनाती का निर्देश दिया है.
एनडीआरएफ का कहना है कि इसके साथ ही 51 बचावकर्ताओं की टीम ने उपकरणों के साथ आज सुबह तुर्की के लिए उड़ान भरी और तुर्की पहुंच गई. 50 कर्मियों वाली एक अन्य टीम भी तुर्की के लिए रवाना हो गई है.
इसके अलावा कतर भूकंपग्रस्त तुर्की की मदद के लिए 10,000 कंटेनर हाउसेज भेजने जा रहा है. तुर्की ने भी शेल्टर के तौर पर इस्तेमाल में लाने के लिए 10,000 कंटेनर्स तैयार किए हैं, जिन्हें भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में 54000 टेंट और 102,000 बेड भेजे गए हैं. सभी सरकारी इमारतों का इस्तेमाल भूकंप पीड़ित शेल्टर के लिए कर सकेंगे. इन इलाकों में 50,000 राहतकर्मियों को तैनात किया गया है.
नींद से कभी नहीं उठ पाए लोग...
तुर्की और सीरिया के कई शहर सोमवार तड़के ही भूकंप की चपेट में आ गए. भूकंप के कंपन इतनी तेज थे कि इमारतें भरभराकर ताश के पत्तों की तरह ढह गईं. तुर्की और सीरिया में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. भूकंप का पहला झटका सुबह 4.17 मिनट पर उस समय आया, जब ज्यादातर लोग घरों में सो रहे थे. ऐसे में जब भूकंप आया और इमारतें गिरीं, उन्हें जान बचने का कोई मौका ही नहीं मिला. पलभर में इमारतें ढह गईं और घरों में सोते लोग मलबे में दब गए.
खराब मौसम के चलते रेस्क्यू में दिक्कत
तुर्की और सीरिया में रेस्क्यू अभियान जोरों पर है. भारत ने तुर्की में अपनी रेस्क्यू टीम भेजी है. उधर, अमेरिका समेत नाटो के सभी 70 देश भी तुर्की की मदद के लिए आगे आए हैं. रेस्क्यू टीमें मलबों में जिंदगियों की तलाश में जुटी हैं. हालांकि, खराब मौसम और ठंड के चलते रेस्क्यू में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
मालूम हो कि सोमवार तड़के सवा चार बजे के बाद से लेकर अब तक तुर्की में 550 बार धरती कांप चुकी है. तुर्की और सीरिया में अब तक भूकंप से 11000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. राष्ट्रपति अर्दोगन ने देश के दस प्रांतों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है. स्कूलों को 13 फरवरी के लिए बंद कर दिया गया है. भारत समेत 70 देशों ने तुर्की के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है.