
तुर्की के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने संसदीय शासन प्रणाली और राष्ट्रपति शासन प्रणाली को लेकर हुए जनमत संग्रह के नतीजों का ऐलान कर दिया. पीएम बिनाली यीलदीरिम ने राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन की शक्तियों में विस्तार को लेकर हुए जनमत संग्रह में 'हां' खेमे की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि देश ने लोकतंत्र का एक नया अध्याय खोला है.
प्रधानमंत्री ने अंकारा में जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी की बालकनी से समर्थकों से कहा, 'गैर आधिकारिक नतीजों के मुताबिक राष्ट्रपति शासन प्रणाली की 'हां' वोट से पुष्टि हुई है.' उन्होंने कहा, 'यह फैसला लोगों ने लिया है. हमारे लोकतंत्र के इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात हुआ है.' उन्होंने बताया कि 99 फीसदी वोटों गिनती के बाद 51.3 फीसद लोगों ने 'हां' वोट किया. अब वो 2029 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. हालांकि बनाए गए मसौदे के अनुसार अगले राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव 3 नवंबर 2019 को होंगे.
एर्दोगन का ऐलान
तुर्की के राष्ट्रपति तैयद एर्दोगन ने भी जनमत संग्रह में जीत का ऐलान किया. इस्तांबुल में अपने सरकारी आवास से एर्दोगन ने जीत को ऐताहासिक करार दिया. एर्दोगन ने कहा- इस जीत से तुर्की के शासन में सेना के दखल के दरवाजे बंद हो जाएंगे.
साढ़े पांच करोड़ ने लिया हिस्सा
शासन प्रणाली में बदलाव के लिए तुर्की की 5.53 करोड़ जनता को वोट का अधिकार दिया गया था. जिनमें आधे
से ज्यादा लोगों ने राष्ट्रपति शासन प्रणाली के पक्ष में वोट किया.
तैयप की शक्तियां बढ़ीं
जनमत संग्रह में राष्ट्रपति शासन प्रणाली को समर्थन मिलने के बाद राष्ट्रपति तैयद एर्दोगन तुर्की के सबसे
शक्तिशाली व्यक्त बन जाएंगे. कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति, नए फरमानों, जजों की नियुक्ति से लेकर संसद भंग
करने का उनका एकाधिकार होगा.
बता दें कि करीब एक दशक तक तुर्की के प्रधानमंत्री रहने के बाद एर्दोगन 2014 में तुर्की के राष्ट्रपति बने थे. तुर्की में राष्ट्रपति को कार्यकारी शक्तियां हासिल नहीं हैं. इस जनमत संग्रह के बाद तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क और उनके उत्तराधिकारी इस्मत इनोनु के बाद एर्दोगन को तुर्की के किसी भी नेता से अधिक शक्तियां मिलेंगी.
पीएम पद होगी खत्म
संविधान संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद तुर्की में प्रधानमंत्री का पद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. नई
व्यवस्था में राष्ट्रपति के पास सभी राज्यों की शासन व्यवस्था का नियंत्रण होगा.
विपक्ष का हमला
विपक्षी दलों ने इस व्यवस्था की आलोचना की है. मुख्य विपक्षी दल रिपब्लिकन पार्टी और डैमोक्रेटिक पार्टी ने
संशोधन पर सवाल उठाए और कहा कि इससे एक ही व्यक्ति को असीम शक्तियां मिल जाएंगी.