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नवजात बच्चा, 70 साल की महिला... तुर्की में भूकंप के बाद 7 दिन तक मौत को मात देने वाली कहानियां

तुर्की और सीरिया में पिछले सोमवार यानी 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस शक्तिशाली भूंकप से हजारों इमारतें तबाह हो गईं. अब तक दोनों देशों में 34000 लोगों की मौत हो गई. अकेले तुर्की में 29,605 लोगों की जान गई है. जबकि सीरिया में 4,574 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

तुर्की में मलबे से जिंदा निकाला गया बच्चा तुर्की में मलबे से जिंदा निकाला गया बच्चा
aajtak.in
  • इस्तांबुल,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST

'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय'... ये कहावत तुर्की और सीरिया में भूकंप से मची तबाही के बीच सच होती दिख रही है. भूकंप से दोनों देशों में 34000 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी तबाही के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो सुकून और आशा देने वाली हैं. यहां भूकंप के करीब 162 घंटे बाद एक बच्ची को बचाया गया. इतना ही बचावकर्मियों ने तुर्की में एक 50 और 67 साल की महिला का भी रेस्क्यू किया. तुर्की और सीरिया में इस तरह के 'चमत्कार' की सैकड़ों कहानियां हैं, जो भूकंप के 6 दिन बाद मौत को मात देकर जिंदा निकले हैं. 

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तुर्की और सीरिया में पिछले सोमवार यानी 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस शक्तिशाली भूंकप से हजारों इमारतें तबाह हो गईं. अब तक दोनों देशों में 34000 लोगों की मौत हो गई. अकेले तुर्की में 29,605 लोगों की जान गई है. जबकि सीरिया में 4,574 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. सीरिया में सरकार शासित क्षेत्र में 1,414, जबकि विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाकों में 3160 लोगों की भूकंप से मौत हुई है. 

किसी नवजात, तो किसी वृद्ध ने मौत को दी मौत

तुर्की और सीरिया में 7 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. इमारतों के मलबों से शवों के निकलने का सिलसिला जारी है. ऐसे में लगातार मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. इन सबके बीच बचावकर्मी कुछ ऐसे लोगों को भी बचाने में सफल हुए हैं, जिन्होंने कई दिनों तक मलबों में दबे होने के बावजूद मौत को मात दे दी. 

 

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Photo- Getty Image

- तुर्की के हताए शहर में बचावकर्मियों ने एक टीनेज लड़की को बचाया. इस्तांबुल मेयर के मुताबिक, लड़की 162 घंटे तक मलबे में दबी रही. रविवार को उसका रेस्क्यू किया गया. वह सही सलामत है. इतना ही नहीं रविवार को एक 50 साल की महिला गुलेर एग्रीमिस को भी सुरक्षित निकाला गया. 

-  इससे पहले शनिवार कहारनमारस में 67 साल के अब्दुलकरीम बे और उनकी पत्नी सेनम को रेस्क्यू किया गया. दोनों पिछले 6 दिन से मलबे में दबे थे. कहारनमारस में ही 16 साल के हेदिल को सुरक्षित निकाला गया.

- तुर्की के गाजियांटेप में भूकंप के 132 घंटे बाद सेजई करबास और उनकी बेटी का रेस्क्यू किया गया. उन्होंने बचावकर्मियों से अपनी पत्नी को खोजने की अपील की. उन्हें उम्मीद है कि उनकी पत्नी भी सुरक्षित निकाल ली जाएंगी. हताए में 132 घंटे बाद ही 34 साल के एर्गिन गुजेल्डोगन को रेस्क्यू किया गया. वे जमीन के नीचे मलबे में दबे थे. 

 

-  तुर्की के कहारनमारस में भूकंप आने के 121 घंटे बाद मलबे से 70 साल की मेनेकसे तबक को बचाया गया. कुछ घंटे पहले इलाके में मलबे से 16 साल के एक लड़के को जिंदा निकाला गया. कहारनमारस में कई परिवार मौत को मात देने में सफल रहे. यहां भूकंप के 78 घंटे बाद दो भाईयों और उसकी मां का रेस्क्यू किया गया. 68 घंटे बाद 6 साल की लड़की और उसकी मां का रेस्क्यू किया गया. 
 
- कहारनमारस में एक और चमत्कार देखने को मिला. यहां एक बच्चे समेत 6 लोगों का रेस्क्यू किया गया. ये लोग 60 घंटे तक मलबे में दबे रहे. तुर्की में बुधवार को एक ढही हुई इमारत के नीचे 62 घंटे बिताने के बाद फातमा और मर्व डेमिर को मलबे के नीचे से निकाला गया. 

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- सीरिया में भी ऐसे चमत्कार देखने को मिले, यहां भूकंप के 36 घंटों बाद दो बच्चों को रेस्क्यू किया गया. तुर्की के हताए में 52 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बावजूद 8 साल के बच्चे को बचाया गया. यहां से 90 घंटे मलबे में दबे रहने के बाद एक 10 साल के बच्चे को बचाया गया. सीरिया में नवजात बच्चे को बचाया गया. माना जा रहा है कि बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद मां की मौत हो गई. 

 

 

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