
हेलिकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई है. रईसी के हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती समेत 9 लोग सवार थे जिसमें से कोई जीवित नहीं बचा है. खराब मौसम के बीच पहाड़ियों में यह दुर्घटना रविवार को हुई लेकिन सोमवार को मलबा मिलने के बाद रईसी समेत हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. ईरान ने अपने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत पर जारी आधिकारिक बयान में संवेदना जताते हुए कहा है कि इससे ईरान की शासन व्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा, यह पहले की तरह ही चलती रहेगी.
वहीं, ईरानी राष्ट्रपति की इस तरह हादसे में हुई आकस्मिक मौत के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अभी तक तो यह महज एक हादसा ही कहा जा रहा है, लेकिन शक और आशंकाएं ऐसी भी हैं कि इस हादसे के पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं. हादसे के 24 घंटे के बाद साजिश की कई तरह की थ्योरी भी सामने आने लगी है.
रिपोरर्ट्स के मुताबिक, क्रैश में हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया था. हेलिकॉप्टर क्रैश जिस जगह पर हुआ था, वहां मौसम ख़राब था इस वजह से घटनास्थल तक पहुँचने में बचावकर्मियों को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन ईरान से लेकर हिजबुल्ला तक, हमास से लेकर हूती तक, कोई भी ये मानने को तैयार नहीं है कि ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री का हेलिकॉप्टर खराब मौसम की वजह से क्रैश हुआ है. ये सभी इब्राहिम रईसी और हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मौत को हादसा मानने के लिए तैयार नहीं हैं. बल्कि इसे एक बड़ी साज़िश बता रहे हैं. इज़रायल से लेकर अमेरिका तक पर उंगलियां उठा रहे हैं. ईरान का कहना है कि अब इसकी पूरी जांच होगी. कुछ ईरानी सोशल मीडिया पर ये सवाल उठा रहे हैं कि ये कैसे संभव हुआ कि काफिले के दो हेलिकॉप्टर सही सलामत पहुंच गए और रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश का शिकार हुआ.
इस बीच तुर्किए के परिवहन मंत्री का भी बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने आशंका जताई है कि, हेलीकॉप्टर में सिग्नल सिस्टम ऑन नहीं था. सिग्नल सिस्टम को लेकर बड़ा सस्पेंस है. तुर्की परिवहन मंत्री ने कहा कि, हमारा मानना है कि ईरानी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री को ले जा रहे हेलीकॉप्टर में सिग्नल सिस्टम चालू नहीं था या उसके पास ऐसी प्रणाली नहीं थी.
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर की मौत हादसा है या फिर साज़िश. ईरान समेत मिडिल ईस्ट के 57 मुल्कों में इस बात को लेकर ज़बरदस्त चर्चा हो रही है. अब सवाल ये है कि आखिर इब्राहिम रईसी की मौत पर शक क्यों गहरा रहा है? तो इसके पीछे कई तर्क भी दिये जा रहे हैं? क्योंकि रईसी का हेलिकॉप्टर ईरान-अज़रबैजान बॉर्डर पर क्रैश हुआ है. ऐसे में ईरान और भी ज़्यादा शक कर रहा है. अजरबैजान को अमेरिका सपोर्ट करता है और अर्मेनिया को रूस सपोर्ट करता है. अजरबैजान और अर्मेनिया दोनों एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. उधर, हमले के बाद ईरान की इजराइल से भी तनातनी बनी हुई थी. अजरबैजान में इजराइल और मोसाद की तमाम एजेंसियां मौजूद हैं.