
बीते दिनों फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स ने ट्रंप के अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया. जिसके बाद ट्रंप के पास कुछ ही ऐसी जगह रह गईं, जहां उन्हें रीच मिल सकती है. ऐसा ही एक ऐप है 'पार्कर'. लेकिन ट्रम्प को एक और बड़ा झटका लग गया है. एपल कंपनी ने राइट-विंग फ्रेंडली ''पार्कर ऐप'' को अपने ऐप स्टोर से हटा दिया है. पार्कर ऐप को अपने ऐप स्टोर से हटाते हुए एपल ने कहा है कि ''पार्कर ऐप ने लोगों की सुरक्षा पर बढ़ते हुए खतरे को खत्म करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए, हमने इस ऐप को हटा दिया है जब तक कि इन मुद्दों को सही नहीं किया जाता.''
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पार्कर ऐप दक्षिणपंथियों और चरमपंथियों में बहुत अधिक चर्चित है. एपल ने इसे ये कहते हुए अपने ऐप स्टोर से हटा दिया कि ये ऐप 'अवैध और खतरनाक गतिविधियों' के लिए उपयोग किया जा रहा है. अमेरिका के दक्षिणपंथी और चरमपंथी समूहों में लोकप्रिय ये ऐप इसलिए भी प्रचलित होता जा रहा है क्योंकि फेसबुक और ट्विटर जैसे बड़े-बड़े प्लेटफार्म अपनी नीतियों को अधिक सख्त करते जा रहे हैं, नफरत और घृणा फैलाने वाले यूजर्स को इन प्लेटफॉर्म्स पर बैन किया जा रहा है. दूसरी तरफ साल 2018 में लॉन्च हुए 'पार्कर' ऐप पर ऐसा कोई खास प्रतिबंध नहीं है. वहां चरमपंथी अपने कंटेंट और विचारों को आराम से फैला सकते हैं.
साल 2020 तक इस ऐप पर दक्षिणपंथियों की एक बड़ी संख्या आ चुकी है, ट्रंप समर्थक यहां अपनी मनमर्जी का कंटेंट शेयर करते रहे हैं. लेकिन एपल कंपनी ने इस ऐप पर बैन लगा दिया है, इससे एक दिन पहले गूगल ने भी अपने प्ले स्टोर से इस ऐप को हटा दिया था.
ट्विटर ने शुक्रवार के दिन ट्रंप के 12 साल पुराने अकाउंट को परमानेंटली हटा दिया है, जिस पर 89 मिलियन यूजर्स जुड़े हुए थे. ट्विटर ने न केवल ट्रंप का ही अकाउंट उड़ाया है, बल्कि उनके समर्थक और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन का अकाउंट भी हटा दिया है.
शुक्रवार को दिए एक बयान में, ट्रम्प ने कहा 'हम अलग-अलग साइटों के साथ बातचीत कर रहे हैं, और जल्द ही एक बड़ी घोषणा करेंगे, हालांकि हम आने वाले वक्त में अपना खुद का प्लेटफॉर्म लाने पर की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं''