
पाकिस्तान में आतंकी हमलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा हमला जनगणना करने पहुंची टीम पर हुआ है, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. हमले में 5 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. आतंकियों ने दो अलग-अलग जिलों में काम कर रही जनगणना टीम को निशाना बनाया है. हमले का शिकार हुई टीमें खैबर पख्तूनख्वा के टैंक और लक्की मरवत जिलों में जनगणना कर रही थी.
पहला हमला टैंक जिले के कोट आजम में हुआ. यहां आतंकियों ने जनगणना कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस वैन को निशाना बनाया और अंधाधुंध फायरिंग की. हमले में कांस्टेबल खान नवाब की मौत हो गई. इसके अलावा पुलिस कांस्टेबल शाह नवाज, असलम खान, लेवी अधिकारी बिस्मिल्लाह, फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के अधिकारी अब्दुल्ला और ड्राइवर ईद जान गोली लगने से घायल हो गए. पुलिसकर्मियों ने भी आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए.
घेराबंदी कर पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन
आतंकी हमले के बाद पुलिस की एक नई टुकड़ी मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया. मौके पर पहुंची टीम घायलों को इलाज के लिए टैंक के जिला मुख्यालय अस्पताल पहुंची, जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर है.
वारदात को अंजाम देकर आतंकी फरार
दूसरा हमला सदर थाने के पास लक्की मरवत के परवाला गांव में हुआ. यहां दो आतंकियों ने जनगणना ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल दिल जान को निशाना बनाया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोली लगने से दिल जान की मौके पर ही मौत हो गई. यहां भी वारदात को अंजाम देने के बाद दहशतगर्द मौके से फरार हो गए. पुलिस ने हमले के कुछ देर बाद ही पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया.
जनगणना टीम पर पहले भी हुए हमले
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान में जनगणना टीम पर हमले के कई मामले सामने आए हैं. पिछले हफ्ते केपी के डेरा इस्माइल खान जिले में एक जनगणना टीम को निशाना बनाया गया था. इस हमले में भी एक पुलिसकर्मी की मौत हुई थी, जबकि चार पुलिसवाले घायल हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली थी.
पाकिस्तान में एक्टिव हुआ TTP
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन TTP काफी एक्टिव हो गया है.
नवंबर 2022 में पाकिस्तान सरकार की TTP के साथ बातचीत बंद हो गई थी. इसके बाद से ही पाकिस्तान के कई इलाकों के अंदर आतंकी हमलों में तेजी देखी जा रही है. हमले खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा और अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में हो रहे हैं, जिसमें पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है.
तेजी से बढ़ रही आतंकी वारदात
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज के मुताबिक जनवरी 2023, जुलाई 2018 के बाद सबसे घातक महीना साबित हुआ है. इस दौरान 134 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और आतंकी हमलों में 139 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई.