
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत का आंतरिक मामला बताया. भारत में यूएई के राजदूत डॉ अहमद अल बन्ना ने कहा कि यूएई ने भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 के दो प्रावधानों को हटाया है, जिस पर यूएई ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 के अलावा हमने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर भी संज्ञान लिया है, जिससे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे.'
उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों का पुनर्गठन स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई अजीब घटना नहीं है. इसका मकसद क्षेत्रीय असमानता को कम करना और दक्षता में सुधार लाना है. उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने जो फैसला लिया है, वह उसका आंतरिक मसला है, जो भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित है.
इसके अलावा अमेरिका ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने को भारत का आंतरिक मसला बताया है. अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब पाकिस्तान ने मोदी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की बात कही. अमेरिकी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत का फैसला पूरी तरह आंतरिक मसला है.
वहीं एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने भारत से लोगों के हितों का सम्मान करने का अनुरोध करते हुए शांति बहाली की बात कही.