
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले भारत पर लगी एक पाबंदी को हटा दिया है. यूएई ने भारत से अंडे और अन्य पोल्ट्री उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध हटा दिया है. UAE ने यह कदम भारत सरकार के उस आश्वासन के बाद उठाया गया है जिसमें कहा गया था कि सरकार बर्ड फ्लू से संक्रमण को रोकने के लिए विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित जैव सुरक्षा मानदंडों का पालन करेगी. अधिकारियों ने कहा कि भारत तमिलनाडु के दो प्रतिष्ठानों से यूएई को अंडे, सेने वाले अंडे (Hatched Eggs) और चूजों का निर्यात कर सकेगा.
5 साल से आयात पर था बैन
बर्ड फ्लू की चिंताओं के कारण करीब पांच वर्षों से भारत से पोल्ट्री आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ था. भारत यूएई के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहा है और इसी के तहत भारत ने मांग की थी कि अंडे के आयात पर प्रतिबंध को हटाया जाए.
व्यापार समझौते के तहत भारत सरकार इन उत्पादों के निर्यात को चाहती है बढ़ाना
भारत सरकार संयुक्त अरब अमीरात से व्यापार समझौते के तहत कई उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना चाहती है. इनमें पोल्ट्री, वॉशिंग मशीन, एयर-कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, मसाले, तंबाकू, सूती कपड़े, कपड़ा और चमड़े सहित 1,100 उत्पाद शामिल हैं. यूएई भी अपनी खजूर, मिठाईयों और चीनी आधारित उत्पादों के लिए भारत से शुल्क में छूट चाहता है.
UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. वित्त वर्ष 2020 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 60 अरब डॉलर का था. लगभग 29 अरब डॉलर के निर्यात मूल्य के साथ, UAE अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार था.
UAE में मोदी CEPA की कर सकते हैं घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी UAE की प्रस्तावित यात्रा के दौरान भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) की घोषणा कर सकते हैं. CEPA व्यापार समझौता खाड़ी क्षेत्र में भारत का पहला ऐसा समझौता होगा. एक अधिकारी ने बताया, 'सामानों के व्यापार के अलावा, ये समझौता भारत के लिए रणनीतिक महत्व का है. इससे हम सेवाओं और निवेश में लाभ प्राप्त कर सकते हैं और संयुक्त अरब अमीरात के साथ दीर्घकालिक व्यापार वीजा भी प्राप्त कर सकते हैं.'
भारत सरकार ने इस व्यापार समझौते के तहत शुल्क छूट का दावा करने के लिए अपने सामानों की कीमत 35% बढ़ाने पर जोर दिया है ताकि व्यापार मार्गों की रिरूटिंग के दौरान किसी तरह के कर का उल्लंघन न हो. यह जरूरी है क्योंकि यूएई एक ट्रांस-शिपमेंट हब है, जिससे मूल मानदंड के नियमों को लागू करना मुश्किल हो जाता है.