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संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नाम सुनते ही ऊंची-ऊंची गगनचुंबी इमारतें, हैरतअंगेज स्पोर्ट्स एक्टिविटी और आलीशान लाइफस्टाइल ही दिमाग में आते हैं. लेकिन चकाचौंध से भरी इस दुनिया का एक दूसरा पहलू भी है, जो घुप्प अंधेरे की तरह स्याह है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका से ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर बड़ी तादाद में जवान महिलाओं को यूएई लाया जा रहा है. धोखे से या झांसा देकर लाई गई इन महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे जबरदस्ती वेश्यावृत्ति (prostitution) कराया जा रहा है. इसके अलावा उन्हें इस कदर प्रताड़ित किया जा रहा है कि सुनने वाले तक की रुह कांप जाए.
रिपोर्ट में नाइजीरिया से भागकर दुबई आने वाली क्रिस्टी गोल्ड उर्फ क्रिस्टियाना जैकब उदियाले को इस ट्रैफिकिंग नेटवर्क का सरगना बताया गया है. रिपोर्ट उन महिलाओं से बातचीत के आधार पर बनाई गई है, जिन्हें बहला-फुसलाकर नाइजीरिया से दुबई लाया गया और वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया. नाइजीरिया के ह्यूमन ट्रैफिकिंग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक क्रिस्टी को उनके देश में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. वह अफ्रीकी महिलाओं को दुबई ले जाती है और उनसे वेश्यालय, बैकस्ट्रीट, बार, होटल और डांस क्लब में वेश्यावृत्ति कराती है.
मारकर रेगिस्तान में फेंकने की धमकी
ट्रैफिकिंग कर दुबई पहुंचाई गई महिलाओं के साथ क्रिस्टी गोल्ड बेहद सख्त रुख अपनाती है. महिलाओं को पैसे कमाने का एक फिक्स टारगेट दिया जाता है. अगर वह उतने पैसे नहीं कमा पातीं तो उनके जीवक को नर्क बना दिया जाता है. ऐसी महिलाओं को एक अपार्टमेंट के कमरे में बंद कर दिया जाता है. यहां क्रिस्टी का भाई ने उन्हें भूखा रखता है, उन्हें कोड़े मारे जाते हैं और उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्च का पेस्ट तक डाल दिया जाता है. महिलाओं को जैसा कहा गया है, अगर वह ऐसा करने से मना कर दें तो उन्हें मारकर रेगिस्तान में फेंकने की धमकी दी जाती है.
लालच, उधार... नहीं मानीं तो हिंसा
UAE की यह चौंकाने वाली रिपोर्ट 25 अफ्रीकी महिलाओं के इंटरव्यू पर आधारित है. इनमें ज्यादातर नाइजीरिया से हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि तस्कर खासतौर पर उन अफ्रीकी महिलाओं को टारगेट करते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. पहले उन्हें पैसों का लालच दिया जाता है. उधार देकर फंसाने की कोशिश की जाती है. ना मानने पर धमकी और हिंसा का सहारा भी लिया जाता है. महिलाओं को दी जाने वाली रकम अक्सर 10 हजार डॉलर (करीब 8 लाख भरतीय रु.) से लेकर 15 हजार डॉलर (12 लाख भारतीय रु.) तक होती है.
मसाज पार्लर बने वेश्यावृत्ति के अड्डे
रिपोर्ट के मुताबिक जिन 25 महिलाओं से बातचीत की गई, उनमें से ज्यादातर को किसी दूसरे काम के बहाने खाड़ी देश लाया गया और फिर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया. हालांकि, कुछ महिलाओं ने अपनी मर्जी से वेश्यावृत्ति का रास्ता चुना. लेकिन उन्हें ऐसी प्रताड़ना झेलनी पड़ी की उनकी रुह कांप गई. यूएई इस्लामिक कानून का पालन करता है, लेकिन वेश्यावृत्ति और यौन तस्करी के मामले सामने आना चौंकाने वाला है. दुबई के कई इलाकों में मसाज पार्लर के नाम पर वेश्यालय चलाए जा रहे हैं. यहां स्पा, डांस क्लब और बार में सेक्स वर्कर्स भरे पड़े हैं.
UAE के वेश्यालय में रंगभेद भी
तस्करी कर यूएई लाई गईं महिलाओं के साथ रंगभेद भी होता है. यूरोप से लाई गईं गोरी चमड़ी वाली महिलाएं अक्सर अमीर ग्राहकों को सेवा देती हैं. जबकि, दक्षिण एशिया या अफ्रीकी देशों से आने वाली सांवली या काले रंग की महिलाएं श्रमिकों को सेवा देने के लिए गलियों और सड़कों के कोनों में खड़ी नजर आती हैं. बीस साल की एक नाइजीरियाई महिला ने बताया कि उसे और दो अन्य महिलाओं को अनजान शहर में एक पार्किंग स्थल पर ले जाया गया. वहां पेंट और मरम्मत का काम चल रहा था. उन्हें यहां काम कर रहे मजदूरों के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया. देर रात तस्कर उनका सारा पैसा लेकर फरार हो गए. उनके पास खाना खरीदने के लिए तक पैसे नहीं बचे.
कैसे धोखा देकर लाया जाता है UAE
एक 25 साल की महिला ने बताया कि वह जुलाई 2019 में नाइजीरिया के सबसे बड़े शहर, लागोस में एक दुकान में काम करती थी. उसे बताया गया कि वह दुबई में एक स्टोर में एक विक्रेता के रूप में और अधिक पैसा कमा सकती है. महिला को लगा कि उसकी मदद की जा रही है. उसका पासपोर्ट बनवाया गया, हवाई जहाज का टिकट और यूएई के पर्यटक वीजा के लिए भुगतान किया गया. दुबई पहुंचने पर उसे बताया कि स्टोर में उसके लिए कोई नौकरी नहीं है. उसे क्लब, रेस्टोरेंट और होटल्स में वेश्यावृत्ति करने के लिए मजबूर किया गया. बाद में महिला से 12 हजार डॉलर (करीब 10 लाख भारतीय रु.) का भुगतान करने के लिए कहा गया, जो उसे दुबई लाने में खर्च हुए थे.
फोटोग्राफर को पैसे के बदले की गई पेशकश
2019 में नए साल के एक दिन पहले शाम के समय एक फोटोग्राफर और ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम करने वाले थॉमस यूएई पहुंचे. वह दुबई के एक सुपरमार्केट में घूम रहे थे कि एक 19 साल की नाइजीरियाई लड़की उनके पास आई और उन्हें पैसे के बदले यौन संबंध बनाने की पेशकश की. थॉमस ने उसे मना किया और पूछा कि क्या वह अपने देश लौटना चाहती है. उसने थॉमस को बताया कि वह और उसकी तरह 22 और महिलाएं क्रिस्टी गोल्ड के नियंत्रण में हैं. थॉमस वहां से लंदन लौटे और पैसे भेजकर उस लड़की के नाइजीरिया जाने की व्यवस्था की. थॉमस ने बताया कि वह जबरदस्ती रखी गईं महिलाओं को घर वापस भेजने के लिए एक अभियान चलाते हैं और अब तक 8 महिलाओं को उनके घर भेज चुके हैं.
एक्शन लेने पर नहीं मिलता सहयोग
ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि नाइजीरिया के कई संदिग्ध यौन तस्करों ने संयुक्त अरब अमीरात में शरण ले रखी है. उनका कहना है कि इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स और रॉयटर्स की एक जांच में पाया गया है कि सेक्स तस्करी के लिए यूएई एक पसंदीदा जगह बन गई है. यहां अफ्रीकी महिलाओं को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है. नाइजीरिया की राष्ट्रीय एजेंसी की महानिदेशक फातिमा वजिरी-अजी का कहना है कि जब ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम करने वाली एजेंसी यूएई से बाहर काम कर रहे तस्करों को पकड़ने में मदद के लिए खाड़ी देशों के अधिकारियों के पास पहुंची तो वहां से कोई सहयोग नहीं मिला.
UAE के अधिकारियों ने नहीं की मदद!
घाना में रहकर तस्करी के खिलाफ काम करने वाली ब्रिटिश मूल की कार्यकर्ता एंगस थॉमस ने बताया जब भी उन्होंने यूएई के अधिकारियों से अफ्रीकी महिलाओं को क्रिस्टी से बचाने की गुहार लगाई, उनका रवैया असहयोग भरा रहा. उन्होंने बताया,'मैंने पत्र लिखे, फोन किया, ईमेल किया, अपार्टमेंट का पता भी बताया और लड़कियों की वापसी में मदद करने के लिए कहा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.' हालांकि, यूएई के विदेश मंत्रालय ने जबरिया वेश्यावृत्ति के आरोपों को निराधार बताया है. मंत्रालय का कहना है कि यौन तस्करी पर यूएई में भारी जुर्माना और जेल का प्रावधान है.
आरोपी महिला खुद को बताती है व्यापारी
जिस महिला क्रिस्टी गोल्ड पर रैकेट चलाने का आरोप है, वह आरोपों से इनकार करती आई है. उसका कहना है कि वह और उसका भाई तस्करी में शामिल नहीं हैं. उनके पास दुबई में वेश्या के रूप में काम करने वाली कोई लड़की नहीं है. क्रिस्टी के मुताबिक वह 2009 में दुबई पहुंची थी और तब से सोना, जूते और हैंडबैग खरीदकर उन्हें नाइजीरिया में बेचती है. वह दावा करती है कि उसने नाइजीरियाई महिलाओं और पुरुषों को संयुक्त अरब अमीरात आने में मदद की. उन्हें दुबई में एक अपार्टमेंट में जगह किराए पर दिलाई. वह कहती है,'मैं उन्हें एक मां की तरह सलाह भी देती हूं, ताकि वे दुबई जा सकें. लेकिन मैं यह नहीं बता सकती कि वह दुबई पहुंचकर क्या काम करते हैं.'
UAE की आबादी में 69% पुरुष
बता दें कि यूएई की करीब 90% आबादी बाहरी लोगों की है. ज्यादातर लोग कंस्ट्रक्शन या दूसरे बिजनेस में काम करने के लिए आते हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है. ये लोग अकेले ही वहां पहुंचते हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि संयुक्त अरब अमीरात की आबादी में 69% पुरुष हैं.