
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जी-7 नेताओं से अफगान लोगों के साथ खड़े रहने और शरणार्थियों और मानवीय सहायता के लिए समर्थन देने की अपील कर रहे हैं. मंगलवार को होने वाली जी-7 की बैठक की अध्यक्षता कर रहे बोरिस जॉनसन को यह उम्मीद है कि विश्व समुदाय उनकी मांगों को सुनेगा और अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएगा.
बोरिस जॉनसन की यह भी मांग है कि जिन लोगों को मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है, उनके पुनर्वास के लिए जी-7 देशों के नेता आगे आएं और यूके की प्रतिबद्धता का साथ दें. उनका कहना है कि जी-7 नेताओं से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान में विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं.
जी-7 की अहम बैठक में शीर्ष देशों के नेता इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि किस तरह से काबुल एयपोर्ट से लोगों को बाहर निकाला जाए, जिन्हें मदद की जरूरत है. साथ ही अफगानिस्तान की जो भी नई सरकार हो, वह अंतराष्ट्रीय नियमों को मानने के प्रति प्रतिबद्ध हो, इसे लेकर भी चर्चा की जाएगी, जिससे अफगानिस्तान का भविष्य सुरक्षित हो.
Afghanistan Crisis: तालिबान की बातों पर बोरिस जॉनसन को भरोसा नहीं, बोले- काम से होगा मूल्यांकन
बैठक से पहले क्या बोले बोरिस जॉनसन?
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता अपने नागरिकों और उन अफगानों के रेस्क्यू को पूरा करना है, जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में हमारी मदद की है. एक अंतराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर हमें साथ आना होगा, जिससे अफगानिस्तान का भविष्य सुरक्षित हो.
बोरिस जॉनसन ने बताया क्यों बुलाई बैठक?
बोरिस जॉनसन ने कहा कि अफगानिस्तान संकट पर जी-7 की एक आपात बैठक बुलाई गई है. हमें इनकी प्रतिबद्धता पूरी की जाएगी. तालिबान को उनके काम से आंका जाए, वे क्या बोल रहे हैं, इससे नहीं. अफगानिस्तान में मानव अधिकारों की सुरक्षा हो, यह लोगों के अधिकार सुरक्षित रहें, इसे तय किया जाए.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे जी-7 देशों के नेता
जी-7 की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस से होगी और नाटो और संयुक्त राष्ट्र महासचिवों को भी चर्चा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट के जोखिम से निपटने के लिए अपनी पांच सूत्रीय योजना निर्धारित की थी.