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जब अक्षता ने अपने पिता नारायणमूर्ति को ब्वॉयफ्रेंड ऋषि सुनक से मिलवाया, ऐसा था रिएक्शन

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनेंगे. सुनक इससे पहले जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं. सोमवार को सर ग्राहम ब्रैडी द्वारा औपचारिक रूप से इसकी घोषणा के साथ ही भारत समेत विश्व के नेताओं ने सुनक को बधाई देना शुरू कर दिया. इसके बाद ऋषि सुनक के साथ-साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को भी इंटरनेट पर तेजी से सर्च किया जा रहा है. आइए जानते हैं अक्षता मूर्ति और ऋषि सुनक की लव स्टोरी.

फोटोः ऋषि सुनक/ इंस्टाग्राम फोटोः ऋषि सुनक/ इंस्टाग्राम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद से ही ऋषि सुनक का नाम प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे था. पेनी मॉरडेन्ट द्वारा दावेदारी वापस लेने के बाद सर ग्राहम ब्रैडी ने सुनक के प्रधानमंत्री बनने की औपचारिक घोषणा की. ऋषि सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के पति भी हैं. जब से ऋषि सुनक की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की खबर आई है, तभी से ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंटरनेट पर काफी ज्यादा सर्च किया जा रहा है. 

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क्या कहा सुनक के ससुर ने
इंफोसिस के सह-संस्थापक और सुनक के ससुर एन आर नारायण मूर्ति ने भी दामाद ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें सुनक पर गर्व है और वह उनकी सफलता की कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि सुनक ब्रिटेन के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे.

अक्षता मूर्ति एक बिजनेस फैमिली से हैं. अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारत के दिग्गज कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की इकलौती बेटी हैं. अक्षता का एक भाई भी है जिसका नाम रोहन है. रोहन भी सोरोको के संस्थापक हैं. ऋषि सुनक को ब्रिटेन में कई बार अपनी पत्नी के कारोबार और टैक्स से जुड़े विवाद पर घेरा गया लेकिन उन्होंने हर बार अपनी पत्नी और ससुराल का बचाव किया. तो आइए जानते हैं अक्षता मूर्ति के बारे में कई अहम बातें और ऋषि से उनकी पहली मुलाकात कैसे हुई.

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अक्षता मूर्ति का जन्म 1980 में हुआ था. जन्म के बाद अक्षता के माता-पिता काम के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गए और अक्षता को अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ रहने के लिए छोड़ दिया. 

अक्षता को लिखे एक लेटर में उनके पिता ने लिखा था कि, तुम्हारी मां और मैं दोनों ही उस समय यंग थे और करियर में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहे थे. इस लेटर के बारे में "Legacy; Letters from eminent parents to their daughter" में भी लिखा गया है. 

अक्षता के पिता ने इस पत्र में लिखा, 'हुबली में तुम्हारे पैदा होने के दो महीने के बाद, हम तुम्हें मुंबई ले आए लेकिन हमें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि एक बच्चे का पालन पोषण करना और साथ-साथ करियर को मैनेज करना काफी मुश्किल काम था. तो हमने फैसला किया कि तुम अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ ही हुबली में रहोगी.' 

अक्षता के पिता एनआर नारायण मूर्ति ने बताया था कि अक्षता को उसके ग्रैंडपेरेंट्स के पास छोड़ना उनका काफी मुश्किल निर्णय था. हर वीकेंड पर वह बेलगाम की फ्लाइट लेते थे और फिर एयरपोर्ट से एक कार रेंट पर लेकर हुबली जाते थे. ऐसा करना भले ही काफी महंगा पड़ता था लेकिन नारायणमूर्ति अपनी बेटी को देखे बिना नहीं रह सकते थे.

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अक्षता की मां सुधा मूर्ति, एक कंप्यूटर साइंटिस्ट और इंजीनियर हैं. सुधा भारत की सबसे बड़ी कारमेकर कंपनी टाटा के लिए काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं. अब सुधा पब्लिक हेल्थकेयर में सुधार के लिए काम कर रही हैं.

जब अक्षता फिर से अपने पेरेंट्स के पास वापस आई तो उनकी लाइफ उतनी आसान नहीं थी जैसे ग्रैंडपेरेंट्स के साथ हुबली रहकर हुआ करती थी. 

रोजाना शाम को 8 बजे से 10 बजे के बीच अक्षता और रोहन अपने स्कूल का होमवर्क किया करते थे और उनके माता-पिता इस बीच फिजिक्स, मैथ्य ,इंजीनियरिंग और हिस्ट्री की किताबें पढ़ा करते थे या ऑफिस का काम करते थे. 

धीरे-धीरे अक्षता का परिवार समृद्धि की ओर बढ़ता गया लेकिन फिर भी अक्षता के पैरेंट्स ने उसे स्कूल ले जाने और वापस लाने के लिए प्राइवेट कार की बजाय रेगुलर ऑटोरिक्शा ही रखा. ऑटोरिक्शा से रोजाना स्कूल जाते हुए अक्षता के बहुत से दोस्त बन गए यहां तक कि रिक्शे वाले अंकल से भी अक्षता की दोस्ती हो गई. 

लॉस एंजिल्स में फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग में जाने से पहले अक्षता कैलिफोर्निया के प्राइवेट लिबरल क्लेरमोंट मैककेना कॉलेज गई, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र और फ्रेंच की पढ़ाई की. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए करने से पहले उन्होंने डेलॉइट और यूनिलीवर में भी काम किया.

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इस तरह हुई ऋषि सुनक से पहली मुलाकात

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अक्षता की मुलाकात ऋषि सुनक से हुई. जिन्हें प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप के तहत यहां एडमिशन मिला था. इसके चार साल बाद बेंगलुरु में अक्षता और ऋषि की शादी हो गई. अक्षता और ऋषि की शादी में भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ ने भी शिरकत की थी. 

बेटी के मुंह से ऋषि सुनक की पहली बार तारीफ सुनकर दुखी हो गए थे नारायण मूर्ति

अक्षता के पिता ने बताया, 'जब पहली बार अक्षता ने मुझे अपने नए लाइफ पार्टनर के बारे में बताया तो मुझे काफी बुरा लगा और जलन महसूस हुई. लेकिन जब मैं ऋषि से मिला और मैंने पाया कि वह एक ब्रिलियंट, हैंडसम और सबसे जरूरी बात ईमानदार है तो मैं समझ गया कि क्यों अक्षता ने उससे प्यार किया. 

स्टैनफोर्ड के बाद, अक्षता 2007 में सैन फ्रांसिस्को में एक डच क्लीन टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर फंड में मार्केटिंग डायरेक्टर के रूप में शामिल हुईं, लेकिन अपना खुद का फैशन लेबल, (अक्षता डिज़ाइन्स) शुरू करने के लिए वह यहां से चली गई. 

साल 2009 में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में अक्षता ने कहा था, मेरे माता-पिता की कामयाबी को देखते हुए हर कोई ये पूछता है कि क्या मैं भी अपनी लाइफ में ऐसी उपलब्धियां हासिल करूंगी... लेकिन मुझे भरोसा है कि एक दिन यह बिजनेस आगे बढ़ेगा और मैं अपने बलबूते पर कुछ कर दिखाऊंगी. इंटरव्यू में अक्षता ने यह भी कहा था कि यह मेरा जुनून है और मैं इसके अलावा बाकी किसी चीज पर ध्यान देने के बारे में सोच भी नहीं सकती. हालांकि, अक्षता का यह बिजनेस 3 सालों में ही गिर गया.  

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ब्रिटेन की महारानी से भी ज्यादा अमीर हैं अक्षता मूर्ति!

बता दें कि इंफोसिस में अक्षता के 0.91 फीसदी स्टेक हैं. जिसकी कीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर (690 मिलियन यूरो) है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह ब्रिटेन की महारानी से भी ज्यादा अमीर हैं. 

अक्षता और सुनक की प्रॉपर्टीज

अक्षता और सुनक के यूके और कैलिफॉर्निया में कम से कम 4 घर हैं. साथ ही उनका केनसिंगटन में एक 5 बेडरूम घर भी है जिसकी कीमत लगभग 7 मिलियन यूरो (56 करोड़ रुपये) है. साथ ही, उनके पास करोड़ों का एक जॉर्जियन मैंशन भी है जो सुनक के नॉर्थ यॉर्कशायर निर्वाचन क्षेत्र में 12 एकड़ में बना हुआ है. इसके अलावा, उनका वेस्ट लंदन के ओल्ड  ब्रॉम्प्टन रोड में भी एक फ्लैट है. उनका सैंटा मोनिका बीच पर एक पेंटहाउस भी है जिसकी कीमत 5.5 मिलियन यूरो (44 करोड़ रुपये) है. 

 

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