
इंडोनेशिया के बाली में आयोजित हो रही जी-20 समिट के दौरान एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन इसके लिए थोड़ा समय चाहते हैं, जिससे डील को ठीक तरह से किया जाए. ऋषि सुनक ने कहा कि उनका एक ही नजरिया है कि जल्दबाजी के चक्कर में गुणवत्ता की कुर्बानी नहीं दी जा सकती है.
गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन ने जनवरी में फ्री ट्रेड डील पर चर्चा की थी, जिसे इसी साल दिवाली तक लागू करना था. उस समय बोरिस जॉनसन ब्रिटेन की सत्ता संभाल रहे थे. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता काफी बढ़ गई. जिसके बाद भारत और ब्रिटेन की यह डील अटकती चली गई.
बोरिस जॉनसन के बाद लिज ट्रस ने भी प्रधानमंत्री का पदभार संभाला लेकिन उनका कार्यकाल ही काफी छोटा रहा. वह महज 45 दिनों तक ही ब्रिटेन की पीएम रह पाईं. अब जब ऋषि सुनक ने ब्रिटेन सरकार की कमान संभाली तो ट्रेड डील को लागू करने की आशा फिर से जग गई है.
हालांकि, जैसा ऋषि सुनक ने कहा कि वह अभी समय चाहते हैं, यानी जल्द ही यह डील लागू हो जाए, इसकी संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं.
वहीं अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड डील को लेकर ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें आशा है कि ब्रिटेन और अमेरिका अपने आर्थिक संबंधों को और गहरा कर सकते हैं. लेकिन उन्होंने साफ किया कि जी-20 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस बारे में अलग से उनकी कोई बात नहीं हुई है.
ब्रिटेन ने भारतीयों के हक में उठाया बड़ा कदम
इंडोनेशिया में पीएम नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक की पहली मुलाकात के बाद ही ब्रिटेन सरकार ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसे भारत के लिए एक तोहफा देखा गया. दरअसल, ब्रिटेन सरकार ने 18 से 30 साल के बीच वाले युवाओं के लिए हर साल तीन हजार वीजा जारी करने का ऐलान किया है. यह वीजा उन युवाओं के लिए हैं, जो ब्रिटेन में जाकर अपना करियर जमा सकते हैं. हालांकि, करियर संवारने के लिए उन्हें सिर्फ दो साल मिलेंगे.
ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार ने यंग प्रोफेशनल स्कीम पर मुहर लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि भारत पहला ऐसा देश है, जिसे इसका फायदा मिलेगा. ब्रिटेन सरकार ने बताया कि इस स्कीम के तहत 18 से 30 साल की उम्र वाले शिक्षित युवा दो साल तक ब्रिटेन में जाकर काम कर सकते हैं.
यूके सरकार ने कहा कि इस स्कीम को लागू करना दोनों देशों के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण पल है. इसके साथ ही यह स्कीम इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यूके की प्रतिबद्धता को भी दर्शा रही है. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि इस क्षेत्र में ब्रिटेन के सबसे अच्छे संबंध भारत के साथ ही हैं. साथ ही ब्रिटेन सरकार ने बताया कि हर साल यूके में जो छात्र विदेशों से पढ़ाई के लिए आते हैं, उनमें से करीब एक चौथाई भारत के ही होते हैं.