
अफगानिस्तान में तालिबान की वापस पर ब्रिटेन का सख्त रुख है. ब्रिटेन ने कहा है कि वो अफगानिस्तान में ISIS-K आतंकी नेटवर्क पर हमले करने के लिए तैयार है. बीते दिनों में पेंटागन ने खुलासा किया था कि अफगानिस्तान में इस वक्त करीब 2 हजार ISIS-K के लड़ाके मौजूद हैं.
ISIS खुरासान ने गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस आत्मघाती हमले में 169 अफगान नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी.
ब्रिटेन के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल माइक विग्सटन ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस संकट के समय में ब्रिटेन अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ खड़ा है. हम इस आतंकी संगठन के खात्मे के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
उन्होंने साफ कहा कि ब्रिटेन ISIS-K के खिलाफ कार्रवाई में शामिल हो सकता है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है कि ब्रिटेन सरकार के अफसरों ने एयर स्ट्राइक के लिए लॉजिस्टिक्स की जांच की है. रिपोर्ट के मुताबिक, विग्सटन ने बताया कि हम स्ट्राइक के जरिए, सेना भेजकर या किसी देश के इक्विपमेंट का यूज करके हमला कर सकते हैं.
US ने डेडलाइन से पहले ही अफगानिस्तान छोड़ा
इधर, अमेरिकी सेना ने तालिबान की डेडलाइन से पहले ही अफगानिस्तान छोड़ दिया. अमेरिका के आखिरी विमान C-17 ने 30 अगस्त को दोपहर 3.29 बजे काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ान भरी. उसके जाते ही तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया. लेकिन यहां रखे विमानों को तालिबान कभी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.