
यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर खारकीव (Kharkiv) अभूतपूर्व मानवीय आपदा का सामना कर रहा है. इस शहर से जैसे लोगों का काफिला अपनी जिंदगी बचाने को निकल चुका है. खारकीव का रेलवे स्टेशन तो यूं लगता है जैसे यहां इंसानों का सैलाब आ चुका है. स्टेशन पर चारों तरफ लोग ही लोग दिखाई दे रहे हैं. भूख से बिलखते बच्चे, रोते बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और बेबस युवा. सभी किसी तरह से रूसी मिसाइलों और बमबारी से अपनी जान बचाना चाहते हैं.
खारकीव रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह भी नहीं है. वेटिंग रूम खचाखच भरा हुआ है. खारकीव रेलवे स्टेशन से आई एक तस्वीर से स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. स्टेशन पर तिल रखने की जगह नहीं है. कई बार तो खारकीव रेलवे स्टेशन के दरवाजों को बंद करना पड़ा है. खारकीव से ही लोग यूक्रेन के बॉर्डर तक जा रहे हैं, फिर वहां से वे यूक्रेन से निकल पा रहे हैं.
खारकीव यूक्रेन के उन शहरों में शुमार है जहां रूसी हमले का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिला है. खारकीव का टीवी टॉवर रूसी हमले में ध्वस्त हो चुका है. इस शहर पर रूस ने रविवार की रात भीषण बमबारी की है. इस बमबारी में 8 लोगों की मौत हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन से अबतक 15 लाख लोगों का पलायन हो चुका है. इनमें से ज्यादातर लोग सीमावर्ती देश पोलैंड गए हैं.
इस बीच उम्मीद की एक किरण मॉस्को से आई है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को यूक्रेन के 4 शहरों में युद्धविराम का ऐलान किया है. इन शहरों में खारकीव भी शामिल है. खारकीव के अलावा कीव, सुमी और मारियूपोल में भी सीजफायर की घोषणा की गई है. इसके बाद यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है. खारकीव और सुमी शहर में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं.