
Russia Ukraine War: रूस के हमले के बाद यूक्रेन में अफरा-तफरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना से यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चलाने को कहा है. इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. रूस ने यूक्रेन के कई मिलिट्री बेस पर मिसाइल हमले किए हैं. इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ऑस्ट्रिया, जर्मनी और फ़्रांस से बात चीत की है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि हम पुतिन विरोधी गठबंधन बना रहे हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक जेलेंस्की ने टर्की से भी बातचीत की है.
रूस के हमले झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने कहा है कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर रूस के सामने हथियार नहीं डालेगा. वहीं, रूस के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव (Oleksii Reznikov) ने देशवासियों से रूस के खिलाफ हथियार उठाने की अपील की है. रेजनिकोव ने कहा है कि यूक्रेन में जो भी लोग हथियार उठाने में सक्षम हैं, वे सेना में शामिल हो सकते हैं. यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के 6 विमान गिरा दिए हैं और 50 जवान भी ढेर कर दिए हैं.
वैश्विक नेताओं से यूक्रेन की अपील- हमें हथियार दें
रूस के हमले के बीच यूक्रेन ने वैश्विक नेताओं से मदद करने की अपील की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने कहा है कि इस जंग के हालात में दुनियाभर के वैश्विक नेताओं को यूक्रेन की मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे देश हमें हथियार सप्लाई कर रूस से लड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं. यूक्रेन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद की गुहार लगाई है. यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिख ने पीएम मोदी से शांति वार्ता के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि भारत के रूस से अच्छे संबंध हैं. इसलिए पीएम मोदी को दोनों देश के राष्ट्रपति से बात करके शांतिवार्ता में मदद करनी चाहिए.
बाल्टिक देशों ने की रूस पर SWIFT बैन की मांग
रूस के हमले के बाद बाल्टिक देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस पर 'सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन' (SWIFT) बैन लगाने की मांग की है. विदेश मंत्रियों ने कहा है कि युद्ध विराम तक रूस के लिए यह सुविधा शुरू नहीं की जानी चाहिए. इससे रूस की अर्थव्यवस्था को यह संस्था दुनियाभर में होने वाले इंटरनेशनल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए चैन का काम करती है. इसकी सुविधा के बिना कोई भी देश इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन नहीं कर सकता है. इसका मुख्यालय बेल्जियम में है. बता दें कि बाल्टिक देशों में 3 देशों के अंतर्गत एस्तोनिया, लात्विया और लिथुआनिया आते हैं.