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Russia-Ukraine War: कीव में अपनी सेना की मदद को आगे आए यूक्रेन के नागरिक, बोरों में रेत भरकर बना रहे बैरिकेड

रूस के हमले के बाद से यूक्रेन की हालत खराब है. लोग देश छोड़कर भागने लगे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वहां रहकर अपनी सेना की मदद कर रहे हैं. ये लोग बोरियों में रेत भरकर राजधानी कीव की बैरिकेडिंग तैयार कर रहे हैं.

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गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST
  • राजधानी के लिए बना रहे बैरिकेड
  • 7 मार्च को तीसरे दौर की बातचीत

यूक्रेन में रूस के हमले के बाद से युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच बाहरी देशों के लोगों के अलावा यूक्रेन के निवासी भी देश को छोड़ने लगे हैं. ऐसे में राजधानी ने कीव में बतौर वॉलंटियर काम कर रहे कुछ लोग अपनी सेना की मदद में जुटे दिखाई दिए. ये लोग बोरों में रेत भरकर बैरीकेड बना रहे हैं ताकि इसे राजधानी की सीमाओं पर लगाकर रूसी सेना को रोका जा सके. 

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बोरों से बैरिकेडिंग कर सेना की मदद

इंडिया टुडे की संवाददाता गीता मोहन ने इन लोगों से बातचीत की. इन्होंने बताया कि वे मेयर कार्यालय से लेकर मेट्रो की एंट्री और अंडरपास इत्यादि में इन बोरों से बैरिकेडिंग कर रहे हैं. यहां एक वॉलंटियर ने बताया कि वे बोरों को भरते जा रहे हैं और यूक्रेन के सैनिक जहां कहेंगे वहां वे उन बोरों को लगा देंगे. वे अपने देश की सेना की मदद के लिए ये सब कर रहे हैं.

7 मार्च को तीसरे दौर की बातचीत

गौरतलब है कि खूब तबाही के बाद भी ये युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा. शांति के लिए रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की बातचीत 7 मार्च को हो सकती है. हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि दूसरे दौर की बातचीत के बाद मानवीय कॉरिडोर बनाने की बात पर सहमति बनी थी.

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'तुम ये युद्ध नहीं जीतोगे पुतिन'

बता दें कि इधर आज ही यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba ने कहा है कि ये समय रूसी नागरिकों की जिंदगी बचाने और रक्तपात बंद करने का है. पुतिन, यूक्रेन को अकेला छोड़ दो. कुलेबा ने कहा है कि तुम ये युद्ध नहीं जीतोगे. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि 113 कंपनियों ने पहले ही रूस में या रूस के साथ काम करना बंद कर दिया है. हम उनके फैसले की सराहना करते हैं.

 

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