
यूक्रेन के नागरिकों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति नरम रुख को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि पुतिन 'धोखा' दे रहे हैं और ट्रंप इस पर ज्यादा नरमी बरत रहे हैं.
यूक्रेन में कार्यरत एक ऑफिस क्लर्क यूलिया पोरोवस्का ने कहा, 'रूस केवल एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही हमला नहीं कर रहा, बल्कि नागरिक स्थलों और अन्य लक्ष्यों को भी निशाना बना रहा है.' ट्रंप और पुतिन की वार्ता को लेकर उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह यूक्रेन की अंतिम बढ़त को छीनने का एक तरीका है. रूस अन्य लक्ष्यों को भी निशाना बनाने में सक्षम हो जाएगा, और वह यही कर रहा है.'
'पुतिन धोखा दे रहे हैं'
उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि पुतिन धोखा दे रहे हैं. वह ट्रंप निश्चित रूप से अब पुतिन को रियायतें दे रहे हैं. वह यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि सब कुछ अच्छा है. हम शांति स्थापित करने जा रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि पुतिन धोखा दे रहे हैं.'
फ्रीलांस वर्कर व्याचेस्लाव डेविडेंको (56) ने कहा, 'हमारे राष्ट्रपति ने कहा कि कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर महत्वपूर्ण है, लेकिन वैश्विक मामलों का समाधान ज्यादा जरूरी है और इन मुद्दों पर कोई समझौता नहीं हुआ.'
'अमेरिकी खुद भी हैरान हैं कि उन्होंने किसे चुन लिया'
उन्होंने कहा, 'ट्रंप वास्तव में उन पर नरमी दिखा रहे हैं. मुझे लगता है कि अब अमेरिकी नागरिक खुद भी हैरान हैं कि उन्होंने किसे चुना. अमेरिका, अमेरिका है और ट्रंप उनके राष्ट्रपति हैं, लेकिन हमारा भी एक उद्देश्य है- अपनी आज़ादी की रक्षा करना. हमें अपने राष्ट्रपति पर भरोसा है, बस इतना ही.'
'पुतिन समझौते की कगार पर हैं'
बिजनेस मैनेजर तारास पापका ने कहा, 'रूस भी इस युद्ध में नुकसान उठा रहा है. यूक्रेन ने रूस के तेल और गैस बुनियादी ढांचे पर हमले किए हैं, लेकिन पुतिन अब भी ज़ापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र वापस करने को तैयार नहीं हैं. वह सोच रहे हैं कि ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान वे इस स्थिति से कोई लाभ उठा सकते हैं. यही एकमात्र विषय है जो उन्हें बातचीत जारी रखने के लिए प्रेरित कर रहा है.' बैंक मैनेजर मर्यना ममेदोवा (27) ने कहा, 'मुझे लगता है कि पुतिन समझौते की कगार पर हैं. वह नैतिक रूप से कमजोर पड़ चुके हैं और समझौते की ओर बढ़ रहे हैं.'