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रोहिंग्या संकट क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर म्यांमार का उत्पीड़न क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने में समर्थ है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर म्यांमार का उत्पीड़न क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने में समर्थ है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जीद राद अल-हुसैन ने सोमवार को इंडोनेशिया में इस बात को दोहराते हुए कहा कि हो सकता है रोहिंग्या के खिलाफ हिंसक अभियान के दौरान नरसंहार और जातीय सफाई की कार्रवाई हुई हो. इसके चलते करीब 10 लाख लोग पलायन कर पड़ोसी बांग्लादेश चले गए.

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म्यांमार गंभीर संकट

अल-हुसैन ने कहा,‘क्षेत्र की सुरक्षा पर संभावित गंभीर प्रभाव के साथ म्यांमार को बेहद गंभीर संकट का सामना करना पड़ा. अगर रोहिंग्या संकट से धार्मिक पहचान पर आधारित व्यापक संघर्ष भड़कता है तो आगामी विवाद गंभीर चेतावनी का कारण बन सकते हैं.’ बता दें कि वह इंडोनेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं.

बता दें कि दुनिया में सबसे प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय में से एक म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को माना जाता है. इनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह जिस भी देश में शरण ले रहे हैं, वहां उन्हें हमदर्दी की बजाय आंतरिक सुरक्षा के खतरे के तौर पर देखा जा रहा है.

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