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UN ने इस मसले से लड़ने के लिए भारत-चीन के जज्बे को सराहा

गुतेरेस ने कहा कि ऐसे वक्त में जब अन्य देश जलवायु परिर्तन से लड़ने में नाकाम हो रहे हैं, उन्होंने देखा कि जी 77 देश की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और चीन नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है. जी 77 संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है.

यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतेरस (फाइल फोटो) यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतेरस (फाइल फोटो)
सना जैदी
  • संयुक्त राष्ट्र,
  • 13 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में भारत और चीन की नेतृत्वकारी भूमिका और मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की है. उन्होंने कहा कि अन्य देश इस कोशिश में नाकाम हो रहे हैं. UN महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक बहुत ठोस प्रतिबद्धता है.

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अफ्रीकी राष्ट्र मौसम के पैटर्न में वैश्विक रूप से हो रहे बदलाव के सबसे बड़े पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, यह उनके लिए स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावितों में जी 77 के सदस्य देश हैं. मुख्य रूप से अफ्रीकी देश सूख से प्रभावित हुए हैं. वहीं छोटे द्वीपीय देश चक्रवाती तूफानों से प्रभावित हुए हैं. हमने जल स्तर (समुद्री) में बढ़ोतरी भी देखी है.

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गुतेरेस ने कहा कि ऐसे वक्त में जब अन्य देश जलवायु परिर्तन से लड़ने में नाकाम हो रहे हैं, उन्होंने देखा कि जी 77 देश की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और चीन नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है. जी 77 संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है. भारत सहित इसके 134 सदस्य देश हैं.

जलवायु परिवर्तन पर बराक ओबामा ने भारत को सराहा

जलवायु परिवर्तन को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दिसंबर 2017 में भारत की जमकर सराहना की थी. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने पेरिस जलवायु संधि कराने में भारत की भूमिका की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि यह संधि करना राजनीतिक रूप से कोई आसान काम नहीं था, लेकिन ऐसा करना सही काम था.

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