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कश्मीर में मानवाधिकार रिपोर्ट पर बोला UNHCR- भारत में आलोचना से दुख हुआ

आयोग के प्रवक्ता ने साफ कहा है कि हाई कमिश्नर ने कभी जफर बंगाश से बात नहीं की है और न ही उनसे कोई सूचना ली गई है.'

UNHCR ने अपनी रिपोर्ट की आलोचना पर दी सफाई UNHCR ने अपनी रिपोर्ट की आलोचना पर दी सफाई
जावेद अख़्तर
  • जिनेवा,
  • 18 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचसीआर) ने कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन पर जारी अपनी रिपोर्ट की आलोचना पर नाराजगी जाहिर की है. भारत में इस रिपोर्ट पर सवाल उठने के बाद यूएनएचसीआर की तरफ से यह टिप्पणी आई है.

यूएनएचसीआर (UNHCR) ने कहा है कि यह रिपोर्ट 'रिमोट मॉनिटरिंग' के जरिए तैयार की गई थी, क्योंकि भारत और पाकिस्तान सरकार ने हमें क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी. आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय एजेंसियों द्वारा बिना जांच-पड़ताल के रिपोर्ट को खारिज करने और गलत मंशा से इसे तैयार करने के जो दावे किए गए, वो बेहद निराश करने वाले हैं.

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आयोग ने भारतीय मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है, जिनमें यूएनएचसीआर की रिपोर्ट के पीछे कनाडा के रहने वाली पाकिस्तानी मूल के इमाम जफर बंगाश का नाम लिया गया था. आयोग के प्रवक्ता ने साफ किया कि हाई कमिश्नर ने कभी जफर बंगाश से बात नहीं की है और न ही उनसे कोई सूचना ली गई है.'

बता दें कि यूएनएचसीआर की रिपोर्ट में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मसले के तत्काल समाधान की जरूरत पर बल दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि कश्मीर में राजनीतिक समाधान के किसी भी प्रस्ताव में यह बात शामिल होनी चाहिए कि वहां हिंसा का चक्र बंद हो और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जवाबदेही तय किया जाए.

इस रिपोर्ट में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने की भी चर्चा की गई है, जिसका घाटी में विरोध हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में नागरिकों के अपहरण, हत्या और यौन हिंसा जैसे मानवाधिकार उल्लंघन के वाकये जारी हैं.

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रिपोर्ट के बाद टोरंटो में बसे ज़फर बंगाश जो कि एक इस्लामिक जर्नलिस्ट हैं और यॉर्क क्षेत्र की मस्जिद में इमाम भी हैं, उन्होंने दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त ज़ायद बिन राड अल हुसैन रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उनके टच में थे. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि रिपोर्ट तैयार करने में कश्मीर के कुछ साथी भी थे और मैंने खुद हाई कमिश्नर से लगातार फोन और इमेल पर बात की थी. जबकि अब यूएनएचसीआर से ऐसी किसी बातचीत या ईमेल से इनकार किया है. जबकि भारत सरकार ने भी यूएनएचसीआर की रिपोर्ट को खारिज किया है.

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