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Chinmoy Krishna Das Arrested: 'बांग्लादेशी झंडे के ऊपर था भगवा झंडा', चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश पुलिस के अजब-गजब आरोप

Chinmoy Das arrested: इस्कॉन के बड़े चेहरे चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी से बांग्लादेश में बवाल मचा हुआ है. हिंदु जगह-जगह उनकी गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं कई जगहों पर जमात-ए-इस्लामी के लोग प्रदर्शनकारी हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं.

Hindu monk Chinmoy Krishna Das Brahmachari Hindu monk Chinmoy Krishna Das Brahmachari
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST

बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु और ISKCON के प्रमुख पुजारी चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी का जमकर विरोध हो रहा है. हिंदू धर्म के लोग सड़कों पर आकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं. लेकिन शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हिंदुओं पर जमात-ए-इस्लामी के लोगों के हमले की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. बांग्लादेश में जारी इस बवाल के बीच आइए आपको बताते हैं कि आखिर बांग्लादेश में ISKCON के सबसे बड़े धर्मगुरु को गिरफ्तार क्यों किया गया है.

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दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश में जमकर बवाल हुआ. पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन की लगातार उठ रही मांगों ने हिंसक रूप ले लिया और शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी. शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसकी जिम्मेदार नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने संभाली.

कट्टरपंथियों के निशाने पर

यूनुस के सत्ता संभालते ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तेजी से बढ़ती चली गई. हिंदुओं के घर जलाए जाने लगे और उन्हें घरों से निकालकर पीटा जाने लगा, जो अब भी जारी है. हिंसा की इन घटनाओं का ISKCON के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चिन्मय प्रभु ने खुलकर विरोध किया और तब से ही चिन्मय प्रभु बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए.

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राष्ट्रीय ध्वज का अपमान!

बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार हिंदुओं की आवाज बने चिन्मय प्रभु को टारगेट करने का मौका ढूंढ रही थी कि तभी 25 अक्टूबर को राजधानी ढाका के न्यू मार्केट में हिंदुओं के समूह 'समानत जागरण मंच' ने एक विशाल धरना-प्रदर्शन किया. रैली के दौरान कुछ युवाओं ने बांग्लादेशी झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगा दिया. रैली में हुई इस घटना को ही बांग्लादेश की पुलिस ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की वजह बनाया है. बांग्लादेश की पुलिस का कहना है कि इस तरह देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है.

कौन हैं चिन्मय प्रभु

बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं. उनको लोग चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं. वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाते रहे हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं, और लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं. वह बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य भी हैं. उनका संबंध अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (ISKCON) से भी है और वह ISKCON के प्रवक्ता भी रह चुके हैं.

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