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जो बाइडन की मेहरबानी ने मोहम्मद बिन सलमान को बचाया, खाशोगी हत्याकांड में बड़ी राहत

अमेरिकी कोर्ट से सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने जमाल खाशोगी मामले में मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ दाखिल मुकदमे को खारिज कर दिया है. इससे पहले कोर्ट में बाइडन प्रशासन ने मोहम्मद बिन सलमान को इस मामले में एक राष्ट्र अध्यक्ष होने के नाते ''इम्यून'' बताया था.

फोटो- मोहम्मद बिन सलमान फोटो- मोहम्मद बिन सलमान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान को सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के मामले में बड़ी राहत मिली है. अमेरिका में फेडरल कोर्ट ने उनके खिलाफ मुकदमे को खारिज कर दिया है. यह मुकदमा जमाल खशोगी की मंगेतर ने किया था. इससे पहले कोर्ट में बाइडन प्रशासन की ओर से मोहम्मद बिन सलमान को इस मुकदमे से ''इम्यून'' बताया गया था. 

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मुकदमा खारिज करते हुए कोर्ट के जज जॉन बेट्स ने बाइडन प्रशासन के पक्ष को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया था कि सऊदी अरब के प्रधानमंत्री होने की वजह से मोहम्मद बिन सलमान पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. जज ने कहा कि उनकी मुकदमा खारिज करने की इच्छा नहीं है, लेकिन बाइ़डन प्रशासन के फैसले के बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है. 

जॉन बेट्स ने कहा कि इस मुकदमे में खाशोगी की मंगेतर हतीजे जेंग्गिज (Hatice Cengiz) ने मोहम्मद बिन सलमान के हत्या में शामिल होने को लेकर जो तर्क दिए वे काफी मजबूत थे. हालांकि उनके पास इतनी शक्ति नहीं है कि वह अमेरिकी सरकार के फैसले को पलट सकें. 

जज जॉन बेट्स ने कहा कि मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब के प्रधानमंत्री हैं. अगर कोर्ट मोहम्मद बिन सलमान की ''इम्युनिटी'' के खिलाफ जाकर फैसला लेता है तो वह बाइडन प्रशासन की कार्यप्रणाली में अनुचित तरीक से दखल देना होगा.

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अमेरिका ने कोर्ट में क्या कहा था ?
मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ मुकदमा चलाने को लेकर कोर्ट में अमेरिकी सरकार ने कहा था कि सऊदी अरब के प्रधानमंत्री होने की वजह से MBS को विशेष छूट हासिल है. बाइडन प्रशासन की ओर से कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में कहा गया था कि अंतराष्ट्रीय कानून में किसी मौजूदा राष्ट्र अध्यक्ष को छूट मिलने की बात पूरी तरह स्थापित है.

व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कोर्ट में अमेरिकी सरकार के पक्ष को लेकर कहा था कि यह अमेरिकी विदेश मंत्रालय का एक कानूनी कदम है जो अंतराष्ट्रीय कानूनों के सिद्धांतों के अनुरूप है. 

अक्टूबर 2018 में हुई थी सऊजी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या 
सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या अक्टूबर साल 2018 में इस्तांबुल में हुई थी. इस हत्या का आरोप क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर लगाया गया था. क्राउन प्रिंस पर आरोप था कि खाशोगी उनकी आलोचना करते थे, जिस वजह से जमाल खाशोगी की हत्या करा दी गई. 

अमेरिकी इटेंलिजेंस ने भी यह माना कि जमाल खाशोगी की हत्या कराने का आदेश मोहम्मद बिन सलमान ने ही दिया था. हालांकि मोहम्मद बिन सलमान ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं.

वहीं जमाल खाशोगी मामले में साल 2020 में सऊदी अरब की एक अदालत ने 8 लोगों को 7 से 20 साल तक की सजा भी सुनाई थी. इन सभी लोगों का मोहम्मद बिन सलमान से संबंध बताया जाता रहा, लेकिन मोहम्मद बिन सलमान के इस मामले में शामिल होने को लेकर कभी कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं.

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