
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के निशाने पर हूती विद्रोही आ गए हैं. शनिवार को अमेरिका ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सैन्य हमले शुरू कर दिए. इसमें यमन के 24 लोगों की मौत हो गई है.
दरअसल, हूती विद्रोही के समूह ने लाल सागर के शिपिंग के खिलाफ़ हमले किए थे. अमेरिका ने चेतावनी दी कि अगर हूतियों ने अपना अभियान नहीं खत्म किया तो नरक की बारिश होगी. ट्रंप ने हूतियों के मुख्य समर्थक ईरान को भी चेतावनी दी है कि उसे समूह को समर्थन तुरंत बंद कर देना चाहिए.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान मुखातिब होते हुए कहा, "अगर संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकी दी, तो अमेरिका आपको पूरी तरह से जवाबदेह ठहराएगा और हम इसके बारे में अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे."
हूती द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यमन के सना पर अमेरिकी हमलों में 24 नागरिक मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए.
यूएस सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "15 मार्च को, अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने अमेरिकी हितों की रक्षा, दुश्मनों को रोकने और नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए यमन में ईरान समर्थित हूती ठिकानों के खिलाफ सटीक हमलों सहित कई ऑपरेशन शुरू किए."
किस जगह पर हुआ US अटैक?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सना के निवासियों ने बताया कि हमले में हूती विद्रोही समूह के गढ़ में एक इमारत को निशाना बनाया गया. अब्दुल्ला याहिया कहते हैं कि विस्फोट खतरनाक थे और उन्होंने पड़ोस को भूकंप की तरह हिला दिया. हमले ने महिलाओं और बच्चों को डरा दिया.
हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 से शिपिंग को निशाना बनाते हुए 100 से ज़्यादा हमले किए हैं. उनका कहना है कि वे गाजा में हमास के साथ इजरायल के युद्ध को लेकर फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में हैं.
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पिछले दिनों, हूती विद्रोहियों ने दो जहाजों को डुबो दिया, एक और को जब्त कर लिया और करीब चार नाविकों को मार डाला. इस हमले ने ग्लोबल शिपिंग को बाधित कर दिया, जिससे कंपनियों को दक्षिणी अफ्रीका के आस-पास लंबी और ज्यादा महंगी यात्राओं के लिए मजबूर होना पड़ा.