
अमेरिकी कांग्रेस ने गुरुवार को संयुक्त सत्र में औपचारिक रूप से तीन नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडन एवं उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस के निर्वाचन की पुष्टि कर दी है. गुरुवार सुबह कांग्रेस के संयुक्त सत्र में निर्वाचन का सत्यापन किया गया. निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थकों द्वारा कांग्रेस की कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद बुधवार देर रात संयुक्त सत्र की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई.
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के सदस्य 'इलेक्टोरल कॉलेज वोट' की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए और वहां मौजूद पुलिस से भिड़ गए. यह भीड़ अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही को रोकना चाहती थी जिससे कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को 2020 के चुनाव में जीत का सर्टिफिकेट ना मिल सके.
पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं.
निर्वाचन मंडल के मतों की पुष्टि कैपिटल हिल पर हिंसा की घटना के बाद आई है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन करीब आठ करोड़ मतों के साथ निर्वाचन मंडल के 306 मतों को हासिल करने में सफल हुए थे.
संसद में दो घंटे तक चली सत्यापान की कार्यवाही का सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर समर्थन किया. यहां तक कि उन्होंने दो राज्यों- एरिजोना एवं पेनसिल्वेनिया - में निर्वाचन संबंधी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया.
सीनेट ने छह मतों के मुकाबले 93 मतों से एरिजोना के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा ने इसे 121 के मुकाबले 303 मतों से खारिज किया. इसी प्रकार सीनेट ने पेनसिल्वेनिया के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को सात के मुकाबले 97 मतों से अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा में आपत्ति 138 के मुकाबले 282 मतों से नामंजूर हुई.
दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 'इलेक्टोरल वोट' में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे. अमेरिका के सभी चार जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर ने भी हमले की निंदा की है.
अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को शीघ्र पद से हटाने की मांग की
अमेरिका के अनेक सांसदों ने निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाए जाने की मांग की है. कांग्रेस सदस्य स्टीवन होर्सफोर्ड ने कहा, 'कांग्रेस के निर्वाचित सदस्य के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इलेक्टोरल कॉलेज के प्रमाणीकरण को छह जनवरी को दर्ज करें , जैसा कि संविधान में बताया गया है. आज राष्ट्रपति ट्रंप ने हमे इस जिम्मेदारी को पूरा करने से रोका और लोकतंत्र को बाधित किया.'
एक अन्य सांसद ने कहा, '1812 के युद्ध के बाद से पहली बार आज अमेरिकी कैपिटल में सेंधमारी हुई. आज जो मैंने हिंसा और अराजकता देखी, वह लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों को बनाए रखने के सिद्धांतों और नियमों के ठीक विपरीत है और आधुनिक वक्त में ये अप्रत्याशित हैं.'
कांग्रेस सदस्य अर्ल ब्लूमेनॉयर ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की. उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस और अमेरिकी कैबिनेट से राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करने की मांग भी की.
उन्होंने कहा, 'यहां क्या हुआ हमें यह स्पष्ट होना चाहिए. बुरी तरह हारे चुनाव के प्रमाणन को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ने घरेलू आतंकवादियों की एक भीड़ को पेन्सिलवेनिया एवेन्यू में हमला करने और अमेरिकी कैपिटल पर कब्जा करने के लिए भेजा.'
ब्लूमेनॉयर ने कहा, ''इस व्यक्ति को तत्काल हटाए जाने की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि वह अपनी हरकतों का अंजाम भुगतेंगे.'
कांग्रेस सदस्य इल्हान उमर ने कहा,''सभी नेताओं को इस तख्तापलट की निंदा करनी चाहिए. और राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए और उन्हें राजद्रोह के आरोप में पद से हटा दिया जाना चाहिए.'