
US Gun Culture: आप सब्जी खरीदने जाते हैं. मोलभाव करते हैं और फिर सब्जी लेकर घर आ जाते हैं. अमेरिका में ठीक ऐसा ही बंदूकों के साथ है. वहां कोई भी गन स्टोर जाता है. अपनी पसंद की बंदूक खरीदता है और घर ले आता है. अमेरिका में बंदूक खरीदना उतना ही आसान है, जितना भारत में सब्जी या कोई खाने का सामान खरीदना.
अब यही गन कल्चर दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. अमेरिका की इतनी आबादी नहीं है, जितनी वहां बंदूकें हैं. यही कारण है कि अमेरिका में आए दिन गोली चलने की खबरें सामने आती रहतीं हैं.
अब टेक्सास के उवाल्डे शहर में मास शूटिंग की घटना सामने आई है. 18 साल के हमलावर ने एक स्कूल में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस घटना में अब तक 23 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. हमलावर ने अपनी दादी की जान भी ले ली. अमेरिका में इस साल मास शूटिंग की 212 घटनाएं हो चुकी हैं.
इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें पूछना होगा कि गॉड के नाम पर हम कब गन लॉबी के खिलाफ खड़ें होंगे?
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जितनी आबादी नहीं, उससे ज्यादा तो बंदूकें
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2020 में अमेरिका की आबादी अनुमानित 33 करोड़ के आसपास थी, लेकिन स्मॉल आर्म्स सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में तकरीबन 40 करोड़ बंदूकें हैं. यानी, अमेरिका की जितनी आबादी नहीं है, उससे ज्यादा तो वहां बंदूकें हैं.
स्मॉल आर्म्स सर्वे स्विट्जरलैंड की एक रिसर्च फर्म है. इसके मुताबिक, दुनियाभर में 85.73 करोड़ से ज्यादा बंदूक या राइफल हैं. इनमें से 39.33 करोड़ से ज्यादा बंदूक या राइफल अमेरिकियों के पास है. अमेरिका में हर 100 लोगों पर 121 बंदूकें हैं.
इसकी रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकियों के पास जितनी बंदूक और राइफल हैं, उतनी तो वहां की सेना और पुलिस के पास भी नहीं है. अमेरिकी सेना के पास 45 लाख और पुलिस के पास 10 लाख बंदूक या राइफल हैं. यानी, अमेरिकी सेना से 100 गुना ज्यादा और पुलिस से 400 गुना ज्यादा बंदूक और राइफल्स तो वहां आम लोगों के पास हैं.
मास शूटिंग से दहलता अमेरिका!
अमेरिका में 'मास शूटिंग' की घटनाएं अक्सर सामने आती रहतीं हैं. इसी साल 212 घटनाएं हो चुकीं हैं. हालांकि, अमेरिका में मास शूटिंग की कोई परिभाषा तय नहीं है.
अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) मास शूटिंग की बजाय 'एक्टिव शूटर इंसीडेंट' लिखता है. एफबीआई के मुताबिक, आबादी वाले इलाके में लोगों को मारना या मारने की कोशिश करना एक्टिव शूटर इंसीडेंट है.
इसी महीने एफबीआई की रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट में एजेंसी ने बताया है कि 2021 में अमेरिका में एक्टिव शूटिंग की 61 घटनाएं हुई थीं. 2020 की तुलना में ये 52% ज्यादा है. 2020 में 40 घटनाएं हुई थीं. इतना ही नहीं, 2021 में 30 राज्यों में घटनाएं सामने आईं, जबकि 2020 में 19 राज्यों में ऐसी घटनाएं हुई थीं.
एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में एक्टिव शूटिंग की घटनाओं में 103 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 140 लोग घायल हुए थे. पिछले साल एक्टिव शूटिंग की घटनाओं को अंजाम देने वालों में 60 पुरुष और एक महिला थी.
एफबीआई की रिपोर्ट ये भी बताती है कि पिछले साल एक्टिव शूटिंग की सबसे ज्यादा 12 घटनाएं जून के महीने में हुई थी. वहीं, 10 घटनाएं अप्रैल में हुई थीं. मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को सबसे ज्यादा घटनाएं हुई थीं. मंगलवार को 12, गुरुवार को 11 और शनिवार को 14 घटनाएं सामने आई थीं. ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे की बीच हुई थी.
बेबस सरकार!
अमेरिका में 18 साल से ऊपर के हर नागरिक को बंदूक रखने का अधिकार है. बशर्ते वो मानसिक रूप से बीमार न हो और पेशेवर अपराधी न हो. अमेरिका के बंदूक रखने पर इस कानून को सख्त करने की मांग उठती रही है, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार कहा था, 'मैंने कुछ महीने पहले कहा था. उससे कुछ महीने पहले भी कहा था. और हर बार जब-जब हम गोलीबारी की घटना देखेंगे तो दोबारा कहूंगा. इससे निपटने के लिए हमारा सोचना या प्रार्थना करना ही काफी नहीं है.'
अमेरिका में बंदूक रखने का अधिकार 1791 में ही मिल गया था. वहां बंदूक रखना संवैधानिक अधिकार है. 1791 में संविधान में संशोधन किया गया था, जिसके बाद वहां आम लोगों को बंदूक रखने का अधिकार मिला था. इसका मकसद था लोकतंत्र को बचाए रखना. कहा जाता है कि उस समय लोगों से कहा गया था कि अगर सरकार आप पर अत्याचार करे तो आप हथियार उठा लें और लोकतंत्र को बचाएं.
इस संशोधन में कहा गया था कि राष्ट्र की स्वाधीनता सुनिश्चित रखने के लिए हमेशा संगठित लड़ाकों की जरूरत होती है. हथियार रखना और उसे लेकर चलना नागरिकों का अधिकार है, जिसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने एक बार कहा था कि अमेरिकी नागरिक की आत्मरक्षा और उसे राज्य के उत्पीड़न से बचाने के लिए बंदूक जरूरी है. यही वजह है कि जब भी अमेरिका में बंदूकों के कानून को सख्त बनाने या लगाम लगाने की बात होती है तो उसे संविधान पर मंडराते खतरे की तरह पेश कर दिया जाता है.