भारत को मिलेंगे आधुनिक हथियार! अमेरिकी संसद में NATO सदस्यता देने का प्रस्ताव

सांसदों की ये मांग उस वक्त सामने आई है, जब अगले ही हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी है. दोनों नेता जापान के ओसाका में होने वाली G20 समिट में मुलाकात करेंगे, तो वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो जल्द ही भारत का दौरा करेंगे.

Advertisement
भारत को मिल सकेंगे आधुनिक हथियार (File Picture) भारत को मिल सकेंगे आधुनिक हथियार (File Picture)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2019,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

भारत और अमेरिका के बीच हाल के समय में रूसी हथियारों को लेकर विवाद चल रहा है, लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर आई है. अमेरिकी सीनेट के दो सांसदों ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसके तहत उन्होंने भारत को नाटो सदस्य बनाने की बात कही है, ताकि भारत को आसानी से अमेरिकी हथियार बेचे जा सकें. अगर सदस्य नहीं बनाया जाता है, तो भारत को ये दर्जा ही दे दिया जाए. अगर ये प्रस्ताव पास होता है तो भारत को अमेरिका की तरफ से आधुनिक हथियार मिलने में आसानी होगी.

Advertisement

खास बात ये है कि जो दो सांसद ये प्रस्ताव लाए हैं, वह दोनों ही पार्टी से तालुल्क रखते हैं. मार्क वॉर्नर डेमोक्रेटिक पार्टी से तो वहीं जॉन कॉर्नयेन रिपब्लिकन पार्टी से, इससे पहले दोनों ही भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी घोषित करने की मांग कर चुके हैं.

सांसदों की ये मांग उस वक्त सामने आई है, जब अगले ही हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी है. दोनों नेता जापान के ओसाका में होने वाली G20 समिट में मुलाकात करेंगे, तो वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो जल्द ही भारत का दौरा करेंगे.

गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच में अभी COMCASA संधि साइन है, जिसके तहत सुरक्षा के साथ-साथ तकनीकी लेन-देन भी होता है. इसके अलावा दोनों के बीच BECA यानी बेसिक एक्सचेंज कॉर्पोरेशन एग्रिमेंट पर बात चल रही है.

Advertisement

अगर ये दर्जा मिलता है तो भारत, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा. भारत और अमेरिका के बीच इन मुद्दों पर बात करने वाले US-INDIA स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फॉरम के प्रमुख मुकेश अघि ने भी अमेरिकी सांसदों के इस प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि ऐसा करना भारत और अमेरिका की दोस्ती को और भी मजबूत करेगा.

आपको बता दें कि अभी इस प्रस्ताव को सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव (गवर्नर) दोनों ही सदनों में पास होना होगा, तभी ये लागू हो पाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement