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US मिड टर्म इलेक्शन: रुझानों में ट्रम्प की पार्टी आगे, चुनावों में महंगाई और अबॉर्शन राइट्स का रहा शोर

अमेरिकी मिड टर्म चुनाव को अमेरिकी संसद के निचले और ऊपरी सदन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के वर्चस्व की लड़ाई माना जाता है. इसके जरिए दोनों सदनों के सदस्यों को चुना जाता है. इसके साथ ही राज्यों में गवर्नरों का चुनाव होता है. यह चुनाव राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए नाक का सवाल बन गया है.

डोनाल्ड ट्रंप डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन यानी मध्यावधि चुनाव के लिए मंगलवार को वोट डाले गए. अब तक के रुझानों में मतगणना के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन बाइडेन की डेमोक्रेट्स से आगे चल रही है. दुनियाभर में जारी उथल-पुथल के बीच अमेरिका कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. लेकिन इस बार चुनाव में महंगाई और गर्भपात सबसे बड़ा मुद्दा रहा. एडिसन रिसर्च के एग्जिट पॉल के मुताबिक,  इसके बाद अपराध, इमिग्रेशन और गन पॉलिसी भी अहम मुद्दे रहे. अमेरिका बीते 40 साल में सबसे अधिक महंगाई की मार से जूझ रहा है.

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अमेरिकी मिडटर्म चुनाव को अमेरिकी संसद के निचले और ऊपरी सदन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के वर्चस्व की लड़ाई माना जाता है. इसके जरिए दोनों सदनों के सदस्यों को चुना जाता है. इसके साथ ही राज्यों में गवर्नरों का चुनाव होता है. यह चुनाव राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए नाक का सवाल बने हुए है. चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की हार होने पर उंगलियां बाइडेन पर उठनी तय है. जबकि दूसरी तरफ पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के राजनीतिक भविष्य के लिए भी यह चुनाव अहम माने जा रहे हैं.

चुनाव में महंगाई, गर्भपात अहम मुद्दे

मध्यावधि चुनाव में मतदाताओ का रुझान जानने के लिए कई सर्वे किए गए हैं. इसी तरह हुए एडिसन रिसर्च के सर्वे से पता चला है कि हर 10 में से छह वोटर्स ने गर्भपात को गैरकानूनी करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गुस्सा जाहिर किया. इन लोगों ने कहा था कि देश में गर्भपात लीगल होना चाहिए. मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने गर्भपात कानून को ध्यान में रखकर वोट किया.

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सर्वे में 10 में से लगभग तीन वोटर्स ने कहा कि उनके लिए महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है और उन्होंने इसी को ध्यान में रखकर वोट किया है. 10 में से लगभग एक वोटर ने कहा कि वोट करते हुए देश में बढ़ता क्राइम उनके दिमाग में रहा. 10 में से लगभग एक वोटर ने कहा कि उनके लिए इमिग्रेशन सबसे बड़ा मुद्दा है.

इन मतदाताओं ने कहा कि उनके लिए गन पॉलिसी सबसे अहम मुद्दा रहा. दस में से लगभग आठ मतदाताओं का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था खराब दौर से गुजर रही  है जबकि दस में से लगभग दो वोटर्स ने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी है.

बाइडेन सरकार से खफा लोग

सर्वे में शामिल दस में से लगभग छह वोटर्स ने कहा कि गैस की बढ़ती कीमतों की वजह से उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. वहीं, दस में से छह मतदाताओं ने कहा कि गर्भपात को कानूनी दर्जा दिया जाना चाहिए जबकि दस में से चार ने इसे गैरकानूनी ही बनाए रखने की पैरवी की. 

सर्वे में शामिल दस में से लगभग पांच वोटर्स ने कहा कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति तीन साल पहले की तुलना में अब अधिक बदतर हो गई है जबकि दस में से तीन वोटर्स ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि दो वोटर्स का कहना है कि उनकी स्थिति बेहतर हुई है.

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वहीं, 10 में से लगभग सात वोटर्स का कहना है कि अमेरिकी लोकतंत्र के समक्ष खतरा है. दस में से लगभग सात वोटर्स ने कहा कि वे बाइडेन का कार्यकाल बढ़ते नहीं देखना चाहते. 

2024 के राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी तय होगी

बता दें कि मंगलवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट की सदस्यता के लिए चुनाव हुए. संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में देश के कानून तय होते हैं जबकि सीनेट में उन कानूनों को हरी झंडी दी जाती है. वहीं, सीनेट के पास व्यापक शक्तियां हैं, वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए लोगों का भविष्य भी तय करता है. 

मालूम हो कि मिड टर्म इलेक्शन के नतीजे 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी का आधार भी तय करेंगे. ट्रंप का राजनीतिक भविष्य इसी पर टिका हुआ है. कहा जा रहा है कि इन चुनाव के नतीजों के बाद ट्रंप 2024 चुनाव लड़ने को लेकर ऐलान कर सकते हैं. 

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