Advertisement

रूस पर भारत से बदला लेने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए उठाया बड़ा कदम?

पाकिस्तान की बड़ी मदद करने के बाद अब अमेरिका ने भारत को अपनी सफाई पेश की है. अमेरिका ने कहा है कि हमने पाकिस्तान की आर्थिक मदद भारत के रूस से संबंध होने की वजह से कोई संदेश देने के इरादे से नहीं की है.

फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

पाकिस्तान की सुरक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए की गई आर्थिक सहायता को लेकर अमेरिका ने अपनी ओर से सफाई पेश की है. दरअसल, अमेरिका की पाकिस्तान को मदद से भारत नाखुश बताया जा रहा था, जिस पर अब यूएस ने इस मामले में पक्ष साफ किया है. यूएस असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस एली रेटनर ने कहा है कि हमने पाकिस्तान की एफ-16 के रखरखाव के लिए आर्थिक मदद भारत के रूस से संबंध होने की वजह से कोई संदेश देने के इरादे से नहीं की है. 

Advertisement

गुरुवार को मीडिया के कुछ लोगों और बुद्धिजीवियों के साथ वर्चुअल बातचीत करते हुए एली रेटनर ने आगे कहा कि अमेरिकी सरकार ने यह फैसला पाकिस्तान के साथ डिफेंस पार्टनरशिप में अमेरिकी हितों को देखते हुए किया है. दोनों देशों की पार्टनरशिप आतंकवाद और परमाणु सुरक्षा पर केंद्रित है.

एली रैटलर ने आगे कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिसपर हमने अपने भारतीय समकक्षों को भी शामिल किया और घोषणा से पहले उन्हें डील की जानकारी भी दी थी. रैटलर ने आगे कहा कि उन्होंने अपने दिल्ली दौरे पर भी इस बात की जानकारी दी थी. रैटनर ने कहा कि वे इस फैसले को लेकर जितना हो सके, उतना पारदर्शी होना चाहते थे, इसी वजह से पहले ही इस बारे में जानकारी भी दी गई. 

बता दें कि 7 सितंबर को जो बाइडन प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों ( अमेरिका निर्मित ) के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद को हरी झंडी दी गई थी. अमेरिका ने कहा था कि इस प्रोग्राम के तहत सिर्फ सुरक्षा उपकरणों के मेंटेनेंस के लिए पैसा दिया गया है, इसमें किसी भी तरह का नया हथियार नहीं शामिल है.

Advertisement

रूस को सलाह पर पीएम मोदी की तारीफ 
वहीं एली रैटनर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एससीओ मीटिंग के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात में यूक्रेन से युद्ध रोकने को लेकर दी गई सलाह की भी तारीफ की. एली रैटनर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से जो कहा, हमें वह अच्छा लगा. 

बता दें कि उज्बेकिस्तान में एससीओ मीटिंग के दौरान जब पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करते हुए कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है और सब शांति चाहते हैं. पीएम मोदी की बात पर पुतिन ने कहा था कि वे भी चाहते हैं कि यूक्रेन से युद्ध जल्द समाप्त हो. 

रूस और भारत के संबंधों पर नरमी  
एली रैटनर ने साफ करते हुए कहा दिया कि भारत और रूस के संबंधों की वजह से भारत पर दबाव डालने के लिए पाकिस्तान की मदद नहीं की गई. अमेरिका ने भारत और रूस के जिन संबंधों की बात की हैं, उनमें सबसे ज्यादा भारत और रूस में तेल की डील है. 

दोनों देशों के बीच यह डील उस समय हुई, जब दुनिया में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है और अमेरिकी समेत कई पश्चिमी देशों ने युद्ध न रोकने की वजह से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में भारत ने बिना किसी परवाह किए रूस से सस्ते दाम पर तेल की डील की और सप्लाई भी शुरू हो गई. अमेरिका ने इस बात पर नाराजगी भी जताई और कहा कि भारत के ऐसा करने से रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंध कमजोर पड़ जाएंगे.  

Advertisement

भारत ने इस मामले में अमेरिका की आपत्ति को लेकर कहा कि अपने देशवासियों के हितों में फैसले लेने में भारत पूरी तरह सक्षम है. भारत जो भी फैसला करता है, वह अपने लोगों के हितों को देखते हुए करता है.

भारत की रूस पर निर्भरता कम करना चाहता है अमेरिका
भारत और रूस के कई क्षेत्रों में मजबूत कारोबारी संबंध हैं. खासतौर पर दोनों देशों के बीच हथियारों की खरीदारी और ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा व्यापार है. ऐसे में अमेरिका अब रूस पर भारत की निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि भारत की रूस पर निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका नए विकल्प देने में भारत की मदद करना चाहता है. अमेरिका ने कहा कि भारत अब रूस पर काफी ज्यादा निर्भर है, पिछले 40 सालों में भारत ने खुद ही रूस पर अपनी निर्भरता बढ़ाई है. लेकिन भारत को यह समझना चाहिए कि नए बाजारों में भी अच्छे लाभ का मौका है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement