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पीएम मोदी की ट्रंप से मुलाकात से पहले अमेरिका ने बता दी अपनी 'डिमांड', क्या करेगा भारत?

अमेरिका की सत्ता अब डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में है. अगले सप्ताह ट्रंप और पीएम मोदी की व्हाइट हाउस में मुलाकात हो सकती है. ट्रंप चाहते हैं कि, भारत उससे बड़ी डिफेंस डील करे. ट्रंप सरकार यह पूरी कोशिश कर सकती है कि इस मुलाकात के दौरान किसी अच्छे रक्षा सौदे पर बात बन जाए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
शोएब राणा
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार अगले सप्ताह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रहे हैं. दोनों नेताओं की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस में होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को अमेरिका पहुंच सकते हैं. ट्रंप और मोदी की मुलाकात के दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. लेकिन अमेरिका लगातार संकेत दे रहा है कि ट्रंप सरकार भारत पर दबाव बनाएगी कि वह उससे ज्यादा से ज्यादा रक्षा उपकरण और हथियार खरीदे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात से पहले गुरुवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ की फोन पर बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर अपनी सहमति जताई.

अमेरिका और भारत रक्षा उपकरणों से जुड़े व्यापार में एक दूसरे के अच्छे सहयोगी हैं. साल 2007 से अभी तक दोनों देशों के बीच 25 अरबर डॉलर से ज्यादा की कई बड़ी डिफेंस डील हो चुकी हैं. ऐसे में ट्रंप की सत्ता आते ही अमेरिका की चाहत अब और ज्यादा बढ़ गई है. अमेरिका चाहता है कि भारत उससे और ज्यादा रक्षा उपकरण खरीदे.

कुछ दिनों पहले जब नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर बातचीत हुई थी तो उस समय भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से अमेरिकी हथियारों की खरीदारी को बढ़ाने का आग्रह किया था.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हमेशा से व्यापार में लेन-देन संबंधी नजरिया रहा है. उनका मानना है कि किसी भी देश के साथ व्यापार में अमेरिका को घाटा नहीं होना चाहिए.

हाल ही में उन्होंने सऊदी अरब को लेकर भी कहा था कि अगर वह भारी तादाद में उससे सामान खरीदता है तो ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की पहली आधिकारिक यात्रा सऊदी अरब की कर सकते हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को भी डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसे मौके की तरह देख रहे हैं, जिसमें एक बड़ी डिफेंस डील पर भारत से बात बन सकती है.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की अमेरिकी रक्षा सचिव से बात
गुरुवार को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. खासतौर पर राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ ने प्रौद्योगिकी सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और संयुक्त सैन्य अभ्यास को मजबूत करने पर सहमति जताई. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि, हमने मौजूदा रक्षा सहयोग की समीक्षा की और भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और आगे बढ़ाने पर चर्चा की. बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई है, जिसमें परिचालन, खुफिया, सहयोग और रक्षा-औद्योगिक साझेदारी शामिल हैं. 

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अमेरिका और भारत में डिफेंस कारोबार को लेकर भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, भारत को नए ट्रंप प्रशासन के साथ सावधानी से बातचीत करनी होगी. अमेरिकी सैन्य तकनीक निश्चित रूप से शीर्ष स्तर की है. लेकिन इसे उचित लागत पर विदेशी सहयोग के साथ 'मेक इन इंडिया' की हमारी नीति के साथ तालमेल बिठाना होगा. भारत सीधे तौर पर चीजों की खरीदारी न करके, सहयोग के साथ उनका उत्पादन करना चाहता है.

यूं तो साल 2024 की आखिरी तिमाही में भी भारत ने अमेरिका के साथ 3.3 अरब डॉलर की एक बड़ी डिफेंस डील की थी. भारत ने 31 हथियारबंद MQ-9B Predator एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए यह सौदा किया था. जिस समय भारत और अमेरिका ने यह सौदा किया उस समय तक जो बाइडन सत्ता पर काबिज थे. अब चुनाव जीतकर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बन गए हैं. जाहिर है, डोनाल्ड ट्रंप बाइडन सरकार के साथ हुई डील पर संतुष्ट होने की जगह अपनी सोच के अनुसार नए रक्षा सौदे चाहेंगे.  

भारत के साथ इन बड़ी डील्स पर भी हो सकती है अमेरिका की नजर

अमेरिका की मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट डील पर भी नजर है. भारत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदना चाहता है. अमेरिका के साथ अगर यह सौदा होता है तो एक बड़ा रक्षा सौदा होगा. हालांकि इस डील को लेकर अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी फाइटर जेट निर्माता इस डील को क्रैक करने में जुट गए हैं. यह एयरक्राफ्ट विदेशी सहयोग से भारत में ही बनाए जाएंगे. अमेरिका इस डील पर बात बनाने की कोशिश में लगा हुआ है.

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अमेरिका पूरी ताकत के साथ F-21 Fighting Falcon को प्रमोट कर रहा है. ये स्टेट-ऑफ-द-आर्ट F-16 फाइटर जेट का एडवांस्ड अप्रगेडेड वर्जन है. डिफेंस एक्सपर्ट्स को लगता है कि ट्रंप के वापस सरकार में आने के बाद इस तरह की बड़ी डील हो सकती है.

अगले सप्ताह बेंगलुरु में होने जा रही एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया' में अमेरिका अपने फाइटर जेट्स का प्रदर्शन भी करेगा. हालांकि, इस प्रदर्शनी में रूस भी अपने ताकतवर एयरक्राफ्ट के साथ शामिल होगा जिससे अमेरिका की चिंता थोड़ी बढ़ सकती है.

भारत ने साल 2020 में अमेरिका से जो 2.13 अरब डॉलर की पनडुब्बियां और हेलिकॉप्टर खरीदे थे, अब उनसे जुड़े इक्विपमेंट्स की खरीदारी कर सकता है. दोनों देशों के बीच यह सौदा 1.1 अरब डॉलर का हो सकता है. सूत्रों की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप की सरकार की इस सौदे पर भी नजर बनी हुई है.

वहीं अमेरिका चाहता है कि, भारत उससे 6 हथियारबंद और सेंसर लैस P-8I एयरक्राफ्ट और खरीदे. भारत इससे पहले 12 ऐसे एयरक्राफ्ट अमेरिका से खरीद चुका है. दोनों के बीच यह सौदा 3.2 अरब डॉलर में हुआ था.

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