
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक बड़ा ऐलान करने जा रहे हैं. इससे बगैर दस्तावेज के रह रहे अमेरिकी नागरिकों के पार्टनर को अमेरिका की नागरिकता मिलनी आसान हो जाएगी. इससे अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीयों को भी फायदा होने की उम्मीद है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रोटेक्शन प्रोग्राम उन अप्रवासियों के लिए होगा, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने अमेरिकी नागरिक से शादी की है. इससे उनके लिए वर्किंग परमिट और नागरिकता हासिल करना ज्यादा आसान हो जाएगा.
एनबीसी न्यूज के मुताबिक, 'पैरोल इन प्लेस' नाम के इस प्रोग्राम से करीब पांच लाख ऐसे अप्रवासियों को फायदा होगा, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं. ये उन्हें डिपोर्टेशन से बचाएगा.
इस प्रोग्राम का मकसद बगैर दस्तावेज वाले अप्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड और अमेरिकी नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है. एनबीसी न्यूज के अनुसार, बिना दस्तावेज वाले पति या पत्नी को अलग-अलग मामलों के आधार पर वर्क परमिट हासिल करने की अनुमति भी दी जाएगी.
हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं. मसलन, नागरिकता उन्हीं अप्रवासियों को दी जाएगी, जो अमेरिकी नागरिक से शादी करने के बाद कम से कम 10 साल से अमेरिका में रह रहा होगा. इससे ऐसे अप्रवासी बच्चे भी ग्रीन कार्ड या नागरिकता हासिल कर सकेंगे, जिनके माता या पिता ने अमेरिकी नागरिक से शादी की होगी.
मौजूदा समय में, अमेरिकी नागरिक से शादी करने के बावजूद अगर कोई एक साल या उससे ज्यादा समय तक बगैर दस्तावेज के अमेरिका में रहता है तो उसे कानूनी कार्रवाई से गुजरना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति की 10 साल के लिए अमेरिका में एंट्री भी बैन कर दी जाती है. इसका फायदा सिर्फ उन्हें अप्रवासियों को मिलेगा, जिनकी 17 जून तक 10 साल की अवधि पूरी हो गई होगी.
एनबीसी न्यूज के अनुसार, बाइडेन सरकार के इस इनिशिएटिव का एक मकसद उन गैर-दस्तावेज अप्रवासियों की मदद करना है, जो एक छात्र के रूप में अमेरिका आते हैं और फिर अमेरिकी नागरिक से शादी कर यहीं बस जाते हैं.
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी आलोचना करते हुए इसे 'अस्थिर' बताया है. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति बनने पर बगैर दस्तावेजों वाले अप्रवासियों को निर्वासित करने का वादा भी किया है.
नवंबर में इस साल राष्ट्रपति चुनाव है, इसलिए बाइडेन के इस कदम को एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक समझा जा रहा है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से ये प्रोग्राम शुरू नहीं हुआ है.