
अमेरिका में इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है. पांच मार्च को Super Tuesday के अहम दिन 16 राज्यों और एक यूएस टेरीटरी के वोटर्स ने अपने पसंदीदा राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए वोट किया. इस दौरान डेमोक्रेटिक की तरफ से जो बाइडेन और रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़त बना ली है.
ये प्राइमरी चुनाव अलाबामा, अलास्का, अर्कांसस, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, मेन, मैसाचुसेट्स, मिनेसोटा, नॉर्थ कैरोलिना, ओकलाहोमा, टेनेसी, टेक्सास, उटाह, वर्मोंट, वर्जीनिया और यूएस टेरीटरी समोआ में हो रहे हैं.
राष्ट्रपति बाइडेन अभी तक घोषित चुनावी नतीजों में अलाबामा, मिनेसोटा, अर्कांसस, कोलोराडो, आयोवा, मेन, मैसाचुसेट्स, नॉर्थ कैरोलिना, ओकलाहोमा, टेनीसी, टेक्सास, वर्जीनिया और वर्मोंट में जीत गए हैं.
वहीं, रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप को अब तक अलाबामा, अर्कांसस, टेनेसी, मिनेसोटा, कोलोराडो, मेन, मैसाचुसेट्स, नॉर्थ कैरोलिना, ओकलाहोमा, टेक्सास और वर्जीनिया में जीत हासिल की है. इससे ऐसा लग रहा है कि वह इस मुकाबले में अपनी प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली को हराकर बाइडेन का सामना करेंगे.
क्या है सुपर ट्यूजडे?
इस साल नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्राइमरी और कॉकस इलेक्शन के लिए सुपर ट्यूजडे सबसे बड़ा दिन है. इस दिन 16 राज्यों और एक टेरीटरी के वोटर्स राष्ट्रपति के लिए अपना पसंदीदा उम्मीदावर चुनते हैं. कुछ राज्यों में इसलिए भी वोटिंग की जाती है कि वे राज्य में अपना गवर्नर या सीनेटर चुन सकें. आमतौर पर सुपर ट्यूजडे चुनावी साल में मार्च के पहले मंगलवार को ही आता है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटर्स डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी में से अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुनते हैं. बाद में हर पार्टी के लिए डेलीगेट्स चुने जाते हैं. ये डेलीगेट्स ही अपनी-अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के आधिकारिक उम्मीदवार चुनते हैं.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव से पहले कल ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिली है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के कोलोराडो कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी. इसके बाद अब ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया. ट्रंप ने इस फैसले को अमेरिका के लिए बड़ी जीत करार दिया.
बता दें कि अमेरिका की कोलोराडो की अदालत ने पिछले साल दिसंबर में ट्रंप के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. इसके लिए अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का हवाला दिया गया था. इसके तहत सशस्त्र विद्रोह करने वालों के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है.