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नए प्रतिबंधों की धमकी के बाद ईरान और अमेरिका में तनाव, परमाणु संधि खतरे में

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका द्वारा उनके देश पर लगाए जा सकने वाले नए प्रतिबंधों की आलोचना की है. यदि ये प्रतिबंध लागू होते हैं तो इससे बेहद मुश्किल के साथ की गई वह परमाणु संधि खतरे में पड़ सकती है, जिसका अंतिम क्रियान्वयन कुछ ही सप्ताह के भीतर होना है.

सबा नाज़/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका द्वारा उनके देश पर लगाए जा सकने वाले नए प्रतिबंधों की आलोचना की है. यदि ये प्रतिबंध लागू होते हैं तो इससे बेहद मुश्किल के साथ की गई वह परमाणु संधि खतरे में पड़ सकती है, जिसका अंतिम क्रियान्वयन कुछ ही सप्ताह के भीतर होना है.

अपने रक्षामंत्री को लिखे पत्र में रूहानी ने कहा कि कल की खबरों में यह कहा गया था कि अमेरिकी वित्त विभाग की उन कंपनियों और लोगों को प्रतिबंधित सूची में डालने की योजना है, जिनके संबंध ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से हैं. यह ‘शत्रुतापूर्ण एवं अवैध हस्तक्षेप’’ हैं और इसका जवाब देना बनता है.

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रूहानी की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच रिश्ते और अधिक खराब हो जाने के बाद आई है. रिश्तों में और अधिक तनाव उस समय आ गया था, जब अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा था कि एक ईरानी पोत ने पश्चिमी देशों के युद्धपोतों के पास कई रॉकेट दागे हैं. इन पश्चिमी युद्धपोतों में रणनीतिक होरमज जलडमरूमध्य में मौजूद यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन विमान वाहक भी शामिल था.

ईरान के शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने रॉकेट दागने में अपने पोतों के शामिल होने से इंकार किया है. रेवोल्यूशनरी गार्डस इस जलडमरूमध्य में ईरान के हितों की सुरक्षा करते हैं. इस मार्ग से विश्वभर का तेल बड़ी मात्रा में होकर गुजरता है. यह बल इस क्षेत्र में नियमित गश्त और अभ्यास करता है. प्रवक्ता जनरल रमजान शरीफ ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह एक ‘मनोवैज्ञानिक अभियान’ के तहत 26 दिसंबर की कथित घटना की कहानी गढ़ रहा है.

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उन्होंने कहा, 'पिछले सप्ताह जिस दौरान होरमज जलडमरूमध्य क्षेत्र में मिसाइल या रॉकेट दागे जाने का अमेरिका ने दावा किया है, उस दौरान 'द गार्ड्स' नौसैन्य बल ने कोई अभ्यास ही नहीं किया था.' एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा हालांकि रॉकेट किसी युद्धपोत की तरफ नहीं दागे गए थे लेकिन वे उनके और कई व्यवसायिक पोतों के काफी निकट थे. यह निकटता लगभग 1500 यार्ड की थी, जो कि 'बेहद भड़काउ' है. नए प्रतिबंधों की धमकी का जवाब देते हुए रूहानी ने बदले की चेतावनी दी. ईरान ने अमेरिका और पांच अन्य विश्व शक्तियों के साथ परमाणु संधि पर रूहानी के नेतृत्व में ही हस्ताक्षर किए थे.

रूहानी ने रक्षामंत्री हुसैन देहघन को लिखे पत्र में कहा, यदि लोगों को और कंपनियों को 'पहले की अन्यायपूर्ण प्रतिबंध सूची में डाला जाता है तो यह जरूरी हो जाता है कि सशस्त्र बलों के लिए जरूरी विभिन्न मिसाइलों का उत्पादन तेज गति एवं गंभीरता के साथ आगे बढ़ाया जाए.' राष्ट्रपति की ये टिप्पणियां उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी डाली गईं. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जुलाई में परमाणु संधि के होने के पांच माह में ईरान ने दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है.

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