
नवंबर 2023 से लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय मालवाहक जहाजों को निशाना बना रहे हूती विद्रोहियों के यमन स्थित ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटेन ने हवाई हमले किए हैं. इन हमलों के बाद बौखलाए हूती विद्रोहियों ने अब अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की है.
अमेरिकी सेंट्रल कमांड का बयान
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी लड़ाकू विमान ने हूतियों द्वारा दागी गई एक एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल को मार गिराया है. इस मिसाइल को यमन के ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा यूएसएस लाबून की ओर दागा गया था. CENTCOM के अनुसार, इसमें किसी के घायल होने या किसी अन्य तरह के नुकसान की खबर नहीं है.
अमेरिका और ब्रिटेन ने शुरू किया हवाई हमला
इससे पहले अमेरिकी वायुसेना ने हूती ठिकानों पर पहला हवाई हमला करने के बाद कहा था कि उसने यमन में हूती द्वारा इस्तेमाल किए गए 16 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है. यमन की राजधानी सना और अल-हुदायदाह में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिसाइलें दागी हैं. ये दोनों शहर लाल सागर बंदरगाह क्षेत्र में हूतियों के गढ़ माने जाते हैं. हूती अधिकारियों ने जवाबी प्रतिक्रिया में ब्रिटेन और अमेरिका को चेतावनी दी है कि उन्हें ‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'
ब्रिटेन, अमेरिका, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और कोरिया गणराज्य की सरकारों के एक संयुक्त बयान में दोहराया गया कि कड़ी चेतावनियों के बावजूद, अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों सहित लाल सागर में जहाजों के खिलाफ कई मिसाइल और एकतरफा हमले जारी थे.
लाल सागर में जहाजों को क्यों निशाना बना रहे हूती विद्रोही?
इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के जवाब में गाजा में जब बमबारी शुरू की तो हूतियों ने हमास के लिए अपना समर्थन घोषित किया. हूती ने कहा कि वे इजरायल जाने वाली जहाजों को निशाना बनाएंगे. हालांकि, हूती विद्रोहियों द्वारा जिन जहाजों पर हमले किए गए वे सभी इजरायल नहीं जा रहे थे, न ही इजरायली स्वामित्व वाले थे. नवंबर और दिसंबर के बीच लाल सागर में हूतियों के हमले 500% बढ़ गए. खतरा इतना बड़ा हो गया है कि प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने इस क्षेत्र में जहाजों का परिचालन बंद कर दिया.
यमन के बड़े हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है. सऊदी अरब ने 2017 में यहां दखल देकर हूती विद्रोहियों को हटाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति हादी के समर्थन वाले बलों की मदद की थी. लाल सागर यूरोप को एशिया और पूर्वी अफ्रीका से जोड़ने वाला सबसे अहम जलमार्ग है. मलिक की हूती विद्रोही सेना के हमलों के इस कारण कई जहाजों ने अफ्रीका में परिचालन निलंबित कर दिया है या फिर लाल सागर और अरब सागर की बजाय दूसरा लंबा रास्ता अपना लिया है.