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तालिबान पर एक बार फिर भड़का अमेरिका, कहा- जो कर रहा है, उसका खामियाजा भुगतेगा

अमेरिकी विदेश मंत्री ने वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि तालिबान अफगान महिलाओं और लड़कियों को अंधकारमय भविष्य में धकेलने में तुला है. स्पष्ट बता दूं कि हम इस मामले पर अन्य देशों से चर्चा कर रहे हैं. अगर तालिबान ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. 

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

अफगानिस्तान में हाल ही में महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार लगातार महिलाओं के विरोध में कदम उठा रही है. ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तालिबान को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि अगर तालिबान यह फैसला वापस नहीं लेता है तो उसे इसका खामियाजा  भुगतना पड़ेगा.

ब्लिंकन ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार इसी तरह अफगान महिलाओं को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित करती रही तो वह बाकी दुनिया से अपने संबंध कभी नहीं सुधार पाएंगे. 

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अमेरिकी विदेश मंत्री ने वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वे (तालिबान) अफगान महिलाओं और लड़कियों को अंधकारमय भविष्य में धकेलने में तुले हैं. स्पष्ट बता दूं कि हम इस मामले पर अन्य देशों से चर्चा कर रहे हैं. अगर तालिबान ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. 

अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध खत्म 

विदेश मंत्री ब्लिंकन ने पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने के फैसले का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म किया है. बीते बीस सालों में पहली बार ऐसा होगा कि अब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की लाशें नहीं आएंगी या कोई घायल अमेरिकी सैनिक वतन नहीं लौटेगा. 

ब्लिंकन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के संबंध में कहा कि अगर अभी हमारे सैनिक अफगानिस्तान में ही होते, तो हमारे लिए यूक्रेन की मदद करना अधिक मुश्किल हो जाता. 

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इससे पहले तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने भी कहा था कि महिलाओं की शिक्षा पर इस तरह की पाबंदी ना तो इस्लामिक है और ना ही मानवीय.

उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा को लेकर क्या दिक्कत है? इससे अफगानिस्तान को क्या नुकसान होगा? क्या इसका कोई इस्लामिक स्पष्टीकरण है? इसके उलट, हमारा धर्म इस्लाम शिक्षा के खिलाफ नहीं है बल्कि इस्लाम शिक्षा और विज्ञान को बढ़ावा देता है. 

तालिबान ने पाबंदी के बाद क्या कहा?

बता दें कि तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर इस तरह की पाबंदी के अपने फैसले की सफाई में कहा कि उन्होंने देशहित और महिलाओं के सम्मान में यह फैसला लिया है. 

तालिबान के नए आदेश के बाद देशभर में किसी भी युवती या महिला को यूनिवर्सिटी में एंट्री नहीं मिल सकेगी. तीन महीने पहले ही पूरे अफगानिस्तान में हजारों लड़कियों और महिलाओं ने विश्वविद्यालयों में आयोजित एडमिशन टेस्ट दिया था.

बता दें कि इससे पहले तालिबान ने अफगान पर कब्जा करने के बाद महिलाओं और युवतियों की शिक्षा को लेकर फरमान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि पुरुषों के स्कूलों में महिला व युवती नहीं पढ़ सकेंगी. साथ ही इन्हें महिला टीचर ही पढ़ा सकेंगे.

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