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स्टेट विजिट की तैयारी में अमेरिका को लगते हैं 6 महीने, जानें 149 साल पहले कौन था पहला गेस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राजकीय दौरे पर हैं. मोदी से पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में ऐसी ही स्टेट विजिट पर अमेरिका जा चुके हैं.

पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:50 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं. उनके 9 साल के कार्यकाल का यह अमेरिका का पहला स्टेट विजिट यानी राजकीय दौरा है. यहां स्टेट विजिट का मतलब होता है जिसका न्योता सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से आए.

भारत की बात करें तो पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन पहले भारतीय नेता थे, जिन्हें अमेरिका ने स्टेट विजिट पर बुलाया था. इसके बाद मनमोहन सिंह और अब प्रधानमंत्री मोदी इस न्योते पर अमेरिका गए हैं.

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दुनिया के बाकी कई नेताओं को भी अमेरिका इस तरह के राजकीय दौरे पर आमंत्रित करता रहता है. माना जाता है कि ये स्टेट डिनर पहले अमेरिका की शीत युद्ध कूटनीति का हिस्सा हुआ करते थे.

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बाइडेन के कार्यकाल में पीएम मोदी से पहले दो वैश्विक नेता स्टेट विजिट पर आए हैं. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रो और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून शामिल हैं.

छह महीने पहले शुरू होती है तैयारी 

ऐसे राजकीय दौरे के लिए अमेरिका में तैयारी छह महीने पहले शुरू हो जाती है. तब जाकर सब अमेरिकी मेहमान नवाजी के हिसाब से सटीक हो पाता है.

सबसे पहली स्टेट विजिट पर कौन आया?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्टेट विजिट की तैयारियों को देखने वाले मैथ्यू बताते हैं कि पहली स्टेट विजिट के तौर पर जिस दौरे को पहचान मिली वह 1874 में हुआ था. इस दौरे पर हवाई के राजा कलाकौआ (King Kalakaua) आए थे.

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स्टेट डिनर में क्या होता है?

इसपर बात करते हुए मैथ्यू कहते हैं कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह बस फैंसी और लजीज खाने के बारे में होता है. इस स्टेट डिनर के जरिए मेहमान देश की संस्कृति को मेहमान नवाजी करने वाला देश स्वीकृत करता है. खाने में ज्यादातर चीजें भी उसी देश की होती हैं जहां से मेहमान आया होता है. ऐसा करके संयुक्त द्विपक्षीय संबंध स्थापित किए जाते हैं.

जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के स्टेट डिनर के लिए करीब 400 मेहमानों को बुलाया गया है. ये स्टेट डिनर व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में होगा.

स्टेट डिनर पहले काफी सिंपल हुआ करते थे. लेकिन राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के दौर से इनपर विस्तार से बात होने लगी. अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के वक्त में जो स्टेट डिनर होते थे वे थोड़े सिंपल होते थे. इसकी वजह थी कि यूएस द्वितीय विश्व युद्ध लड़ रहा था, तो अधिक खर्च न करना, और न ही अत्यधिक फिजूलखर्ची करना इन बातों का ध्यान रखा जाता था.

लेकिन केनेडी के कार्यकाल में स्टेट डिनर को कूटनीति से ज्यादा अमेरिकन कल्चर को प्रस्तुत करने का मंच बनाया गया. केनेडी ने ही व्हाइट हाउस के पहले मुख्य रसोइया को हायर किया. वह फ्रेंच में जन्मे थे. केनेडी ने ही एक बदलाव और किया था. उनके कार्यकाल में ही व्हाइट हाउस के साउथ लॉन को राजकीय दौरे पर आए मेहमान के स्वागत के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा. 

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अब काफी मॉर्डन होता है स्टेट डिनर

बताया जाता है कि व्हाइट हाउस का स्टेट पहले के मुकाबले अब काफी मॉर्डन होता है. वक्त से साथ मेहमानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. जहां पहले इनकी संख्या 140 तक होती थी. अब ये नंबर 300 पार हो जाता है. इस वजह से स्टेट डिनर व्हाइट हाउस के अंदर होने की जगह उसके आउटडोर ग्राउंड में होने लगा.

बता दें कि व्हाइट हाउस में आखिरी स्टेट डिनर साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल के लिए रखा गया था. वह 26 अप्रैल 2023 को स्टेट विजिट पर आए थे.

सबसे ज्यादा स्टेट डिनर होस्ट करने का रिकॉर्ड 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के नाम दर्ज है. उन्होंने अपने दो कार्यकाल में 59 स्टेट डिनर होस्ट किए. इसके बाद बुश और फिर क्लिंटन के वक्त पर इनकी संख्या में कमी आने लगी.


 

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