
अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की उस याचिका पर विचार कर सकता है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को भेज दी गई है और इस पर 4 अप्रैल 2025 को एक निजी कॉन्फ्रेंस में विचार किया जाएगा.
63 वर्षीय तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है. वह पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सदस्य और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी सहयोगी माना जाता है. 2008 में मुंबई में हुए इस भीषण आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी.
न्यायाधीशों को भेजी गई याचिका की कॉपी
तहव्वुर राणा की याचिका की एक कॉपी न्यायाधीशों को भेजी गई है, जिससे वे कॉन्फ्रेंस से पहले इस पर विचार कर सकें. आमतौर पर ऐसी याचिकाओं में से कुछ ही विस्तृत चर्चा के लिए चुनी जाती हैं, जबकि बाकी बिना किसी बहस के खारिज हो सकती हैं.
किसी याचिका को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम चार न्यायाधीशों की सहमति आवश्यक होती है. कोर्ट अपने फैसलों की घोषणा आमतौर पर अगले वर्किंग डे पर खुले न्यायालय में करता है. 21 जनवरी को, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था.
ट्रंप ने दी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी
पिछले महीने, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर थे, तब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. ट्रंप ने राणा को 'बेहद खतरनाक व्यक्ति' करार दिया था. 2011 में, भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तहव्वुर राणा और अन्य आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी जिसमें सभी पर मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है.