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अब ट्रंप को महंगा लगने लगा डिपोर्टेशन प्लेन, हर एक अवैध प्रवासी पर लाखों हुए खर्च

वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन ने मिलिट्री विमानों से कई देशों में उनके प्रवासियों को भेजा था. इसे अत्यधिक खर्चीला बताया गया है.

अमेरिका ने मिलिट्री प्लेन से डिपोर्टेशन पर लगाई रोक अमेरिका ने मिलिट्री प्लेन से डिपोर्टेशन पर लगाई रोक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पद संभालने के बाद से ही अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त है. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे कई प्रवासियों को अब तक उनके देश पहुंचाया गया है, जिनमें भारत भी शामिल है. लेकिन अब खबर है कि ट्रंप प्रशासन ने मिलिट्री विमानों से अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क ले जाना बंद कर दिया है.

वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन ने मिलिट्री विमानों से कई देशों में उनके प्रवासियों को भेजा था. इसे अत्यधिक खर्चीला बताया गया है.

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि हाल-फिलहाल में ऐसी कोई डिपोर्टेशन फ्लाइट तैयार नहीं है. आखिरी बार एक मार्च को अमेरिका ने अवैध प्रवासियों से भरे मिलिट्री प्लेन को भेजा था. 

फर्स्ट क्लास से ज्यादा महंगा है मिलिट्री प्लेन से डिपोर्टेशन

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से गुआटेमाला डिपोर्ट किए जाने वाले मिलिट्री प्लेन में एक माइग्रेंट पर 4,675 डॉलर का खर्चा आता है. यह टेक्सास से अमेरिकन एयरलाइंस की फर्स्ट क्लास की वन-वे टिकट से पांच गुना से अधिक महंगा है. 

अमेरिका का मिलिट्री प्लेन अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंच चुका है. अमेरिकी C-147 प्लेन से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत पहुंचा. इस प्लेन में 104 भारतीय सवार हैं.

मालूम हो कि अमेरिका अब तक अवैध प्रवासियों की कई खेप भारत भेज चुका है. ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क भेज दिया था. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के अल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5000 से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है.

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प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं. यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का है. पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल सल्वाडोर है.

पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं.

अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं. 

पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी.

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