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यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक हटाएगा US, सुरक्षा सहायता भी होगी बहाल

यूक्रेन ने रूस के साथ जंग में तत्काल 30 दिन के युद्ध विराम को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:59 AM IST

मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत के बाद US ने यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर लगी रोक हटाने और सुरक्षा सहायता फिर से शुरू करने का फैसला किया है. रॉयटर्स ने इस बात की जानकारी दी है. इस बीच, यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध में तत्काल 30 दिन के संघर्ष विराम को स्वीकार करने पर सहमति जताई है.

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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अब वह इस प्रस्ताव को रूस के समक्ष रखेंगे.

रुबियो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा, "राष्ट्रपति चाहते थे कि यह जंग कल ही खत्म हो जाए. इसलिए, हमें उम्मीद है कि रूस जल्द से जल्द 'हां' में उत्तर देगा, जिससे हम इस के दूसरे चरण में पहुंच सकें."

नोवल ऑफिस की नोकझोंक के बाद पहली मुलाकात

अमेरिका ने यह अहम फैसला तब लिया, जब मंगलवार को यूक्रेन और अमेरिकी अधिकारियों ने रूस के साथ जंग खत्म करने की दिशा में एक रास्ता खोजने के लिए जेद्दा में अपनी वार्ता शुरू की. पिछले महीने ओवल ऑफिस में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई तीखी नोकझोंक के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली बातचीत है.

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यूक्रेन के लिए यह राहत राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की द्वारा यह उम्मीद जताए जाने के एक दिन बाद आई है कि जेद्दा में होने वाली वार्ता के व्यावहारिक नतीजे सामने आएंगे और कीव की स्थिति पूरी तरह से रचनात्मक होगी. ज़ेलेंस्की का मानना ​​है कि वार्ता यूक्रेन-अमेरिका संबंधों में जान फूंकेगी. 

साल 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से कीव के मुख्य सहयोगी अमेरिका ने युद्ध पर अपनी नीति को बदल दिया है और यूक्रेन पर दबाव बढ़ा दिया है, सैन्य सहायता रोक दी है और कीव के साथ खुफिया जानकारी साझा करना बंद कर दिया है.

यह भी पढ़ें: 'रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है', सऊदी अरब में मीटिंग से पहले बोले अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो

मंगलवार को वार्ता होने से पहले रुबियो ने कहा था कि यूक्रेन के साथ वार्ता यह जानने के लिए अहम होगी कि कीव रूस के साथ अपने जंग को खत्म करने के लिए शांति समझौते पर पहुंचने के लिए रियायतें देने को तैयार है या नहीं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमें यूक्रेन की स्थिति को समझना होगा और इस बारे में सामान्य विचार रखना होगा कि वे क्या रियायतें देने को तैयार हैं, क्योंकि जब तक दोनों पक्ष रियायतें नहीं देते, तब तक आप युद्धविराम और इस युद्ध का अंत नहीं पा सकते."

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जेद्दा में अहम यूएस-यूक्रेन वार्ता

जेद्दा वार्ता अमेरिका और रूसी अधिकारियों के रियाद में मुलाकात के एक महीने बाद हुई है, जो कोल्ड वार के पहले दुश्मनों के बीच एक दुर्लभ मुठभेड़ थी. चर्चा मुख्य रूप से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तहत आधिकारिक संपर्क पर लगभग पूरी तरह से रोक के बाद संबंधों को बहाल करने पर केंद्रित थी.

रूस के अधिकारियों ने बताया कि यह वार्ता यूक्रेन द्वारा मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला करने के बाद हुई है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. जबकि कीव ने करीब 91 ड्रोन तैनात किए, जिसके कारण अधिकारियों को एयरपोर्ट बंद करने पड़े और दर्जनों फ्लाइट्स का रास्ता बदलना पड़ा.

यह भी पढ़ें: X बार-बार हो रहा डाउन... 24 घंटे से लगातार हो रहे साइबर अटैक, Elon Musk को यूक्रेन पर शक

माॉस्को के मुताबिक, रूस के ऊपर 337 ड्रोन गिराना यह दिखाने के उद्देश्य से किया गया था कि कीव अभी भी रूसी मिसाइल हमलों के बाद बड़े हमले करने में सक्षम है, जिनमें से एक में 8 मार्च को करीब 14 लोग मारे गए थे.

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