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ट्रंप ने किया था इनकार, उनके डिप्टी माइक पेंस बाइडेन के शपथ ग्रहण में जाने को तैयार

अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण से पहले जारी चरम तनाव के बीच उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि वह निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. इस बात की जानकारी अमेरिकी सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने दी है. 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- पीटीआई) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST
  • जो बाइडेन के शपथ में शामिल होंगे माइक पेंस
  • डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण में जाने से किया था इनकार
  • 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे जो बाइडेन

अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण से पहले जारी चरम तनाव के बीच उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि वह निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. इस बात की जानकारी अमेरिकी सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने दी है. 

इससे पहले अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों की हिंसा के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन के शपथग्रहण समारोह में जाने से इनकार कर दिया था. डेमोक्रेट जो बाइडेन 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. 

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बाइडेन के हाथों राष्ट्रपति चुनाव में हार का सामना करने वाले ट्रंप ने 8 जनवरी को ट्वीट कर कहा था कि वे नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं, जो बहुमत से ज्यादा हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है. डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है. वे चुनाव के नतीजों को मानने से इनकार कर रहे हैं

अमेरिकी संसद में जमकर बवाल

गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस में ट्रंप को जो बाइडेन को राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित करना था. लेकिन ट्रंप इस संवैधानिक प्रक्रिया में नहीं पहुंचे. 

इसके विपरित हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोला. यहां डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी. 

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इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने सीनेट में घुसपैठ की, वहां तोड़फोड़ की और कई दफ्तरों पर कब्जा कर लिया. इस नेशनल गार्ड्स को फायरिंग करनी पड़ी. इस पूरी हिंसा में चार नागरिक और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हुई.

 

 

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