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China-Taiwan Crisis: ताइवान की खाड़ी से गुजरे अमेरिकी जंगी जहाज, चीन अलर्ट पर

अमेरिका के दो गाइडेड मिसाइल क्रूजर यानी जंगी जहाज ताइवान की खाड़ी के पास से गुजरे तो चीन की नींद उड़ गई. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद पहली बार अमेरिकी जंगीपोत ताइवान के करीब गए हैं, जिसे चीन अपनी सीमा में मानता है. अमेरिकी सरकार ने कहा कि यह एक साधारण ऑपरेशन था.

ताइवान की खाड़ी के पास इंटरनेशनल वॉटर में खड़ा अमेरिकी जंगी जहाज. (फोटोः रॉयटर्स) ताइवान की खाड़ी के पास इंटरनेशनल वॉटर में खड़ा अमेरिकी जंगी जहाज. (फोटोः रॉयटर्स)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 30 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

चीन-ताइवान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच ताइवान की खाड़ के पास दो अमेरिकी जंगी जहाज पहुंच गए. इनके पहुंचने से चीन अलर्ट हो गया. मामला रविवार यानी 28 अगस्त 2022 का है. अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अमेरिकी जंगी जहाज ताइवान के इतने करीब पहुंचा हो. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने कहा कि यह एक ऑपरेशन का हिस्सा था. ऐसे ऑपरेशन 8 से 12 घंटे के लिए होते हैं. 

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चीन को अमेरिकी जंगी जहाजों को लेकर आपत्ति है. उसका मानना है कि ये जहाज उसकी सीमा में खड़े हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

उधर, अमेरिका की इस हरकत से चीन की हालत पस्त हो गई. वह दोनों जंगी जहाजों पर बारीकी से नजर रख रहा था. अमेरिकी नौसेना ने बताया कि उसका गाइडेड मिसाइल क्रूजर्स चांसलरविले (Chancellorsville) और एंटीटैम (Antietam) इस समय ताइवान की खाड़ी के पास अंतरराष्ट्रीय जलीय इलाके में ऑपरेशन कर रहे हैं. ऐसा पहले भी हो चुका है. इसमें कुछ नया नहीं है. इससे पहले भी अमेरिका के एलाइड देश जैसे ब्रिटेन और कनाडा के जंगी जहाज भी ताइवान की खाड़ी के पास से गुजर चुके हैं. या ऑपरेशन कर चुके हैं. 

असल में ताइवान की खाड़ी और ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है. इसलिए उसे अमेरिका समेत अन्य देशों के जंगी जहाजों के आने-जाने से दिक्कत होती है. नैंसी पेलोसी की अगस्त के शुरुआत में हुई ताइवान यात्रा को चीन ने अमेरिका द्वारा उसके आंतरिक मामलों में घुसपैठ माना था. इसके बाद चीन ने ताइवान के चारों तरफ मिलिट्री युद्धाभ्यास शुरू कर दिया था. वो तब से अब तक चल ही रही है. चीन उसे बंद नहीं कर रहा है. चीन और ताइवान के बीच तनाव का माहौल बना ही हुआ है. 

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दोनों ही जहाज गाइडेड मिसाइल क्रूजर हैं, यानी जरुरत पड़ने पर मिसाइल से हमला कर सकते हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः एपी)

अमेरिकी नौसेना ने कहा कि हमारे दोनों जंगी जहाज जिस जगह से निकले हैं, वो किसी भी देश के तटीय सीमा में नहीं आते. अंतरराष्ट्रीय नियम जहां भी अमेरिकी नौसेना को अनुमति देते हैं, वहां हम उड़ते हैं. सेलिंग करते हैं. ऑपरेट करते हैं. यह इंडो-पैसिफिक इलाके में शांति बनाए रखने के लिए है. अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि उस जगह से जहाजों का आना-जाना लगा रहता है. इसमें किसी तरह का गलत इरादा नहीं है. 

किर्बी ने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत दिनों पहले ही प्लान कर लिया गया था. उसका होना जरूरी और जायज है. उधर, चीनी सेना के ईस्टर्न थियेटर कमांड ने कहा कि हम लगातार अमेरिकी जहाज पर नजर रख रहे हैं. उसे चेतावनी जारी कर रहे हैं. इस कमांड में मौजूद सभी सैनिक पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. किसी भी तरह के उकसावे की कार्रवाई का तगड़ा जवाब दिया जाएगा. ताइवान ने कहा कि अमेरिकी जंगी जहाज खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में हैं. चीन दबाव में हो सकता है पर यहां स्थिति सामान्य है. ताइवान की खाड़ी को लेकर चीन और ताइवान में 1949 से ही जंग और तनाव का माहौल बना हुआ है.

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