
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे तथा ऑटो टैरिफ 3 अप्रैल को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लागू रहेंगे. टैरिफ की आहट की वजह से दुनियाभर में हाहाकार मचा हुआ है. मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार 1400 अंकों तक लुढ़क गया और एनएसई के निफ्टी में 353 अंक की गिरावट दर्ज की गई.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने क्या कहा?
पत्रकारों से बात करते हुए, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने व्यापार सलाहकारों के साथ टैरिफ रणनीति को 'परफेक्ट' करने में लगे हुए हैं. मेरी समझ से टैरिफ की घोषणा कल होगी. वह अभी अपनी व्यापार और टैरिफ टीम के साथ हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए इसे परफेक्ट कर रहे हैं कि यह अमेरिकी लोगों और अमेरिकी श्रमिकों के लिए एक सही सौदा है, और आप सभी को अब से लगभग 24 घंटे में पता चल जाएगा.
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ट्रंप विदेशी सरकारों और कॉर्पोरेट नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं जो कम दरें चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कई देशों ने राष्ट्रपति की योजनाओं के बारे में प्रशासन से संपर्क किया है. बेशक, राष्ट्रपति हमेशा कॉल लेने के लिए उपलब्ध रहते हैं, हमेशा एक अच्छी बातचीत के लिए उपलब्ध रहते हैं, लेकिन वे अतीत की गलतियों को सुधारने और यह दिखाने के लिए बहुत चिंतित हैं कि अमेरिकी श्रमिकों को उचित सौदा मिले.
ट्रम्प 'मुक्ति दिवस' पर टैरिफ की घोषणा करेंगे. ट्रंप ने आधिकारिक घोषणा बुधवार को व्हाइट हाउस रोज गार्डन में शाम 4 बजे (स्थानीय समय) की जाएगी. रेसिप्रोकल टैरिफ आयात शुल्क की एक श्रृंखला का हिस्सा है जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद से लगाया है. इसमें कनाडा और मैक्सिको से आयात पर उच्च टैरिफ, धातुओं पर क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ और हाल ही में आयातित ऑटोमोबाइल पर टैरिफ शामिल हैं. ट्रम्प ने आश्वासन दिया कि कारों पर 'स्थायी' टैरिफ इस गुरुवार को लागू किए जाएंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले सप्ताह घोषणा की थी.
क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?
डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ एक महत्वपूर्ण आर्थिक नीति है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी उत्पादों को विश्व बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना है. ट्रंप प्रशासन ने इस टैरिफ के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि अमेरिका को व्यापारिक समझौतों में समान अवसर और लाभ मिले. रेसिप्रोकल टैरिफ का मुख्य उद्देश्य उन देशों पर शुल्क लगाना है जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाते हैं, ताकि दोतरफा व्यापार समझौतों में संतुलन बनाया जा सके.