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'चीन का BRI तो कर्ज में डूबा, हम तेजी से बढ़ा रहे इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर प्रोजेक्ट,' बोले बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ रोज गार्डन पत्रकारों से बातचीत की. बाइडेन ने कहा, हम तेजी से इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, हम इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए जी7 पाटनर्स के साथ काम कर रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. (फाइल फोटो) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 26 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:48 AM IST

अमेरिका ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से मुकाबले की तैयारी तेज कर दी है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नेटवर्क के जरिए बीआरआई के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अन्य जी 7 सदस्यों के साथ काम कर रहा है, जिसमें सऊदी अरब को यूरोप से जोड़ने वाला रेलमार्ग भी शामिल है.

बता दें कि दिल्ली में सितंबर में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाइडेन के नेतृत्व में दुनिया के प्रमुख नेताओं ने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) की शुरुआत की घोषणा की थी. बाइडेन ने कहा, हम उस (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) पर प्रतिस्पर्धा करने जा रहे हैं और हम इसे एक अलग तरीके से कर रहे हैं. चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट कर्ज में डूब गया है और जो देश इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं, उनमें अधिकांश लोगों (राष्ट्रों) के लिए यह एक फंदा बन गया है. 

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बाइडेन ने यह बात ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ रोज गार्डन पत्रकारों से बातचीत में कही. उन्होंने कहा, हम इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए जी7 पाटनर्स के साथ काम कर रहे हैं. बता दें कि ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) में यूके, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.

बाइडेन ने एक सवाल के जवाब में कहा, उदाहरण के लिए G20 में हम चाहते हैं कि रियाद से मध्य पूर्व, सऊदी अरब, इजरायल होते हुए ग्रीस तक एक रेलमार्ग बनाने के प्रस्ताव पर काम किया जाए. केवल रेलमार्ग ही नहीं, बल्कि भूमध्य सागर के पार यूरोप तक पाइपलाइन बनाएं.

'हम टकराव नहीं चाहते हैं'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ किया कि चीन के साथ अत्यधिक प्रतिस्पर्धा की उनकी पिछली टिप्पणी टकराव को लेकर नहीं थी. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैंने इस बारे में बात की कि हम अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार आर्थिक, राजनीतिक और अन्य तरीकों से चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कैसे करेंगे, लेकिन यह कहना सही नहीं है कि मैं टकराव की तलाश में हूं.

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'अगले महीने चीन जा रहे अल्बानीज'

बताते चलें कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज अगले महीने चीन जा रहे हैं. बाइडेन से पूछा गया कि ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन की पुनः भागीदारी से आप क्या समझते हैं? क्या ऑस्ट्रेलिया, बीजिंग पर भरोसा कर सकता है या क्या ऑस्ट्रेलिया, चीन के साथ व्यापार कर सकता है?

'मैं सबसे ज्यादा बार जिनपिंग से मिला हूं'

इस पर बाइडेन ने कहा, एक मुहावरा है- ट्रस्ट एंड वैरिफाई. देखिए, चीन इस समय अपनी आंतरिक और बाहरी कठिनाइयों से जूझ रहा है. चीन की आर्थिक वृद्धि पहले की तुलना में स्थिर है. चीन उन गतिविधियों में भी शामिल है, जिसमें रूस और कई अन्य शामिल हैं. ये लोग दूसरे देशों को डराने-धमकाने और उनसे निपटने में लगे हुए हैं. लेकिन फैक्ट यह है कि मैं किसी भी अन्य वैश्विक नेता की तुलना में शी जिनपिंग से सबसे ज्यादा बार मिला हूं. मैंने इंटरप्रेटर के साथ 68 घंटे से ज्यादा की निजी बैठकें की हैं, जिसकी शुरुआत तब हुई थी जब मैं उपराष्ट्रपति था.

बाइडेन ने कहा, पिछले हफ्ते उन्होंने अमेरिकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पनडुब्बी उत्पादन और रखरखाव को बढ़ावा देने और AUKUS का समर्थन करने के लिए सप्लीमेंटल फंड में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुरोध किया है.  AUKUS संधि यूके, यूएस और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक त्रिपक्षीय गठबंधन है. इसे रणनीतिक तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामक चीन को जवाब के रूप में देखा जाता है. चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्सों पर दावा करता आया है.

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'ऑस्ट्रेलिया में निवेश कर रहा है अमेरिका'

बाइडेन ने कहा, ऑस्ट्रेलिया अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है और इस सौदे के हिस्से के रूप में पनडुब्बियों का उत्पादन करने की उसकी क्षमता है. जब हमने समझौता किया तो शी जिनपिंग ने मुझसे पूछा, हम सिर्फ चीन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर मैंने कहा, नहीं, हम चीन को नहीं घेर रहे हैं. हम सिर्फ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि समुद्री रास्ते खुले रहें. वे अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र और जल क्षेत्र आदि के संबंध में सड़क के नियमों को एकतरफा रूप से बदलने में सक्षम नहीं है.

क्वाड भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. बाइडेन ने कहा, यह ताइवान जलडमरूमध्य, हिंद महासागर, उस पूरे क्षेत्र में स्थिरता, स्थिरता बनाए रखने के बारे में है. क्वाड के तहत, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए एक गठबंधन बनाया है.

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