
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर वैक्सीन की सप्लाई का वादा किया था. हैरिस के वादे के अगले ही दिन अमेरिका से वैक्सीन को लेकर बड़े फैसले की खबर आई. अमेरिका ने एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और सनोफी वैक्सीन से डीपीए रेटिंग्स हटा लिया है. इससे भारत को वैक्सीन सप्लाई का रास्ता साफ हो जाएगा.
एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के कोविड-19 रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर जेफ जाइंट्स ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया. जाइंट्स ने कहा कि देश में कोरोना के टीके की उपलब्धता को लेकर आश्वस्त होने के बाद बाइडेन प्रशासन ने इन वैक्सीन से रक्षा उत्पादन अधिनियम की प्राथमिकता रेटिंग हटाने का निर्णय लिया है. बाइडेन सरकार के इस कदम से कंपनियों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि वे अपनी वैक्सीन किसे बेचना चाहती हैं.
जाइंट्स ने कहा कि हमारे पास सभी अमेरिकियों के वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध हो गई है. यह राष्ट्रपति की ओर से उठाए गए डीपीए रेटिंग समेत अन्य आक्रामक कदमों का नतीजा है. उन्होंने एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और सनोफी की वैक्सीन से डीपीए रेटिंग हटाने का ऐलान किया और कहा कि ये कंपनियां वैक्सीन का उत्पादन जारी रखेंगी. सरकार के इस निर्णय के बाद कंपनियां खुद यह निर्णय ले सकेंगी कि उन्हें कौन सा ऑर्डर पहले पूरा करना है.
जाइंट्स ने कहा कि अमेरिका के लोगों के लिए पर्याप्त वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद हम बाकी की वैक्सीन अन्य देशों में भेजकर उन्हें भी वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. मार्च में हमने कनाडा और मैक्सिको को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की चार मिलियन से अधिक डोज की आपूर्ति की. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने जून के अंत तक वैक्सीन की 80 मिलियन डोज साझा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. यह अमेरिका की ओर से उत्पादित कुल डोज का करीब 13 फीसदी है.
व्हाइट हाउस की कोविड-19 रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेटर ने कहा कि हम अमेरिकी वैक्सीन निर्माताओं के साथ इस तरह से काम कर रहे हैं जिससे दुनिया के अन्य देशों के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बढ़े और यहां रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हों. उन्होंने यह भी कहा कि हम दुनिया के साथ वैक्सीन की 25 मिलियन डोज साझा करने के लिए ढांचे पर काम कर रहे हैं.