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अमेरिका ने फिर दोहराया, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद पहली एशिया यात्रा पर आ रहे हैं. हालांकि इस दौरान वह भारत की यात्रा नहीं करेंगे. ट्रंप इसी सप्ताह जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलि‍पीन्स की 12 दिवसीय यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. आपको बता दें कि चीन पर दबाव डालने के लिए अमेरिका भारत से करीबी रिश्ते बना रहा है.

पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप
अंकुर कुमार
  • वॉश‍िंगटन ,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

अमेरिका और भारत की दोस्ती दिन ब दिन मजबूत होती जा रही है. यही वजह है कि अमेरिका की तरफ से लगातार भारत को लेकर सकारात्मक बयान आ रहे हैं. एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली एशिया यात्रा से पहले वॉइट हाउस ने कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत बड़ी भूमिका निभाता है.

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद पहली एशिया यात्रा पर आ रहे हैं. हालांकि इस दौरान वह भारत की यात्रा नहीं करेंगे. ट्रंप इसी सप्ताह जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलि‍पीन्स की 12 दिवसीय यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. आपको बता दें कि चीन पर दबाव डालने के लिए अमेरिका भारत से करीबी रिश्ते बना रहा है.

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हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका के संबंध में सवाल करने पर वॉइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘बिलकुल, वह बड़ी भूमिका निभाता है.’’ उनसे पूछा गया था, ‘‘क्या यह प्रशासन अपनी रणनीति के तहत इंडो-पैसेफ‍िक क्षेत्र में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण मानता है?’’

विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं आपको बता सकती हूं कि भारत के साथ हमारा संबंध बहुत करीबी है और हमारे बहुत सारे साझा हित हैं. इनमें हम दोनों लोकतांत्रिक हैं, हम दोनों ही बड़े देश हैं. वह बहुत बड़ा देश है.’’

विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन द्वारा पिछले महीने भारत नीति पर दिए गए लंबे भाषण का हवाला देते हुए नोर्ट ने कहा, ‘‘भारत बहुत कुछ दे सकता है, ना सिर्फ उस क्षेत्र को बल्कि पूरी दुनिया को. इसके अलावा, उसके साथ बेहतर व्यापार और सहयोग के जरिए अमेरिकी नौकरियों का भी सृजन होगा.’’

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नोर्ट से यह पूछने पर कि यदि भारत इतना ही महत्वपूर्ण है तो ट्रंप वहां क्यों नहीं जा रहे हैं? उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि वह राष्ट्रपति के लिए कुछ अलग तरह की यात्रा होगी. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है, लेकिन इस संबंध में मैं वॉइट हाउस की ओर से कुछ नहीं कहना चाहती।’’

उनसे पूछा गया कि क्या टिलरसन की भारत नीति चीन पर अंकुश लगाने की नीति है. इस पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि शीर्ष अमेरिकी राजनयिक यह बात चीन को निजी तौर पर पहले कह चुके हैं.

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