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गाम्बिया के बाद अब उज्बेकिस्तान का भारतीय कंपनी पर आरोप, कहा- दवा पीने से 18 बच्चों की हुई मौत

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि Marion Biotech pvt Ltd को 2012 में उज़्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों ने खुलासा किया कि इस कंपनी द्वारा निर्मित ‘डॉक -1 मैक्स’ सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का एक और भारतीय सिरप कंपनी पर आरोप ( सांकेतिक फोटो) उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का एक और भारतीय सिरप कंपनी पर आरोप ( सांकेतिक फोटो)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

गाम्बिया में 66 बच्चों की मौतों के बाद अब उज्बेकिस्तान ने भी अपने यहां बच्चों की मृत्यु के लिए एक भारतीय दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल, उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि देश में 18 बच्चों की मौत एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं के सेवन से हुई है. अपने बयान में मंत्रालय ने कहा है कि Marion Biotech pvt Ltd को 2012 में उज़्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों ने खुलासा किया कि इस कंपनी द्वारा निर्मित  ‘डॉक -1 मैक्स’ सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है. 

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बता दें कि अक्टूबर में गाम्बिया ने आरोप लगाया था कि भारत में निर्मित सिरप से उनके यहां 66 बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है कि भारतीय कफ सीरप की वजह से बच्चों की मौत हुई है. मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. स्टेंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया. जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था. इसके बाद 1, 3, 6 और 11 अक्टूबर को उस जगह का निरीक्षण किया गया, जहां इस सिरप का प्रोडक्शन किया जा रहा था. वहां से सैंपल कलेक्ट कर चंडीगढ़ की लैब में भेजे गए थे.

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नेपाल ने भी बैन की 16 भारतीय दवा कंपनियां 

नेपाल ने भी 16 भारतीय दवा कंपनियों से दवा के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. अफ्रीकी देशों में खांसी के सिरप से बच्चों की हुई मौत के बाद WHO ने इससे जुड़ी दवाइयों को लेकर चेतावनी जारी की थी. WHO के अलर्ट के बाद नेपाल ने 16 भारतीय कंपनियों से दवाई के इंपोर्ट को बैन कर दिया है. नेपाल दवा नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी इस सूची में भारत की कई बड़ी दवा कंपनियां शामिल हैं. नेपाल के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की लिस्ट में दिव्या फार्मेसी सहित 16 भारतीय दवा कंपनियां शामिल हैं. दिव्य फार्मेसी योग गुरु रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करती है. 

प्रतिबंधित भारतीय दवा कंपनियों की लिस्ट में रेडियंट पैरेन्टेरल्स लिमिटेड, मरकरी लेबोरेटरीज लिमिटेड, एलायंस बायोटेक, कैपटैब बायोटेक, एग्लोमेड लिमिटेड, जी लेबोरेटरीज लिमिटेड, डैफोडिल्स फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, जीएलएस फार्मा लिमिटेड, यूनिजूल्स लाइफ साइंस लिमिटेड, कॉन्सेप्ट फार्मास्युटिकल्स, आनंद लाइफ साइंसेज लिमिटेड, आईपीसीए लेबोरेटरीज लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, डायल फार्मास्युटिकल्स, एग्लोमेड लिमिटेड और मैकुर लेबोरेटरीज लिमिटेड प्राइवेट शामिल हैं.

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