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विएना मीटिंग से NSG में एंट्री को लेकर बढ़ सकती हैं भारत की उम्मीदें

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) के सलाहकार समूह की वियना में होने वाली बैठक में एनएसजी के विशेष प्रतिनिधि रफेल ग्रोसी नए देशों को समूह में शामिल करने को लेकर नई प्रक्रिया का सुझाव दे सकते हैं. इससे भारत जैसे देशों का समूह में शामिल होना आसान हो सकता है.

पीएम मोदी पीएम मोदी
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) के सलाहकार समूह की वियना में होने वाली बैठक में एनएसजी के विशेष प्रतिनिधि रफेल ग्रोसी नए देशों को समूह में शामिल करने को लेकर नई प्रक्रिया का सुझाव दे सकते हैं. 11-12 नवंबर को वियना में होने वाली इस बैठक में रफेल नन एनपीटी (न्यूक्लियर नन-प्रोलिफेरेशन ट्रीटी) देशों को एनएसजी में शामिल करने के लिए टू स्टेज प्रक्रिया का प्रस्ताव दे सकते हैं. इससे भारत जैसे देशों का समूह में शामिल होना आसान हो सकता है.

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इससे पहले भारत के एनएसजी में शामिल होने को लेकर चीन ने विरोध कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों की इस मुद्दे पर हुई बातचीत भी असफल रही थी. हालांकि, चीन वियना में होने वाली बैठक में शामिल होने पर सहमत हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हम एक ऐसे समाधान की कोशिश करेंगे जिससे सभी नन एनपीटी देशों के लिए लागू किया जा सके, इसके बाद हम किसी खास देश के आवेदन पर भी विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि वे इस बारे में भारत से बातचीत करते रहेंगे.

हालांकि, चीनी डिप्लोमेट्स ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या रफेल ग्रोसी के प्रस्ताव को सभी देशों का समर्थन हासिल है. उधर, पिछले हफ्ते न्यूजीलैंड ने भारत के एनएसजी में शामिल होने पर अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया था.

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