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पुतिन की बात सुन चीन और पाकिस्तान को लग जाएगी मिर्ची, भारत को बताया ग्रेट पावर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वल्दाई डिसक्शन क्लब को संबोधित करते हुए भारत की बेहतरीन आर्थिक विकास दर को सराहते हुए कहा कि रूस और भारत के संबंध ऐतिहासिक हैं. दोनों देशों के इतिहास आपसी विश्वास और सहयोग से जुड़ा हुआ है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (File Photo) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की दिल खोलकर तारीफ करते हुए उसे एक महान शक्ति बताया है. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, संस्कृति और भविष्य की संभावनाओं की जमकर तारीफ की.

पुतिन ने वल्दाई डिसक्शन क्लब को संबोधित करते हुए भारत की बेहतरीन आर्थिक विकास दर को सराहते हुए कहा कि रूस और भारत के संबंध ऐतिहासिक हैं. दोनों देशों के इतिहास आपसी विश्वास और सहयोग से जुड़ा हुआ है. भारत और रूस का सहयोग रक्षा से लेकर आर्थिक विकास तक लगभग हर क्षेत्र में और प्रगाढ़ हुआ है.

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उन्होंने भारत के लगातार बढ़ रहे वैश्विक प्रभुत्व का हवाला देते हुए कहा कि भारत का स्थान दुनिया की महाशक्तियों के बीच है.

पुतिन के इस बयान से चीन को क्यों लगेगी मिर्ची?

पुतिन कई बार भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं. चीन के लिए ये परेशान करने वाली बात हो सकती है. वो इसलिए क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग में चीन पीसमेकर बनने की कोशिश कर रहा है. चीन ने 12 प्वॉइंट का प्लान भी रखा था, लेकिन उस पर बात आगे नहीं बढ़ सकी. जबकि, पुतिन ने एक बार कहा था कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. दूसरी वजह ये है कि चीन सुपरपावर बनने की कोशिश भी कर रहा है, जबकि भारत इस दौड़ में सबका साथ चाहता है. अब पुतिन ने भारत को महाशक्ति बताया है तो जाहिर है कि इससे चीन को मिर्ची लग सकती है.

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भारत को लेकर पुतिन के बयान से पाकिस्तान क्यों होगा असहज?

रूस ने भारत के हितों के खिलाफ कभी कोई काम नहीं किया है. चाहे पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग हो या फिर 1999 का कारगिल युद्ध, हर बार रूस ने भारत का साथ दिया है. इतना ही नहीं, हाल ही में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट हुई थी. चीन की मदद से पाकिस्तान भी ब्रिक्स का सदस्य बनना चाहता है. लेकिन भारत की ना के कारण उसका ये सपना पूरा नहीं हो पाया. अब जब एक बार फिर पुतिन ने भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर दी है तो ये पाकिस्तान के लिए जले पर नमक छिड़कने जैसा हो सकता है.

जब पुतिन ने कहा था- हमारे रिश्तों को ट्रांसलेटर की जरूरत नहीं 

ब्रिक्स समिट ने भारत और रूस की दोस्ती को एक और नया आयाम दिया. जुलाई में कजाकिस्तान में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से नदारद रहे पीएम मोदी विशेष रूप से रूसी राष्ट्रपति के आह्वान पर ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कजान गए थे.

बातचीत के दौरान पीएम मोदी हिंदी और राष्ट्रपति पुतिन रूसी भाषा में बोल रहे थे. दोनों नेताओं की बातों को रूसी और हिंदी में अनुवाद करने के लिए ट्रांसलेटर मौजूद थे. लेकिन पुतिन ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत और रूस के संबंध इतने प्रगाढ़ हैं कि मुझे लगता है आप मेरी बातें बिना ट्रांसलेटर की मदद के भी समझ सकते हैं. पुतिन की इस टिप्पणी पर पीएम मोदी खिलखिला उठे थे.

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जुलाई में रूस यात्रा पर गए थे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी 8 जुलाई को रूस की यात्रा पर गए थे. तब उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाया था. मोदी का पुतिन को गले लगाना पश्चिमी देशों को पसंद नहीं आया था. तब अमेरिका ने भारत से ये कहते हुए एक पक्ष को चुनने के लिए कहा था कि वो न्यूट्रल नहीं रह सकता. 

रूस यात्रा पर तमाम हंगामे और आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जब बम और गोलियां बरस रहीं हों तब शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती. उन्होंने ये भी कहा था कि संघर्ष का समाधान युद्ध नहीं हो सकता.

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