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'हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी के समर्थक', ब्रिक्स से दुनिया को पीएम मोदी का मैसेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मंच के विश्व को शांति का संदेश दिया है. पीएम ने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया. हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है. जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नॉर्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम को तोड़ने की बात हो रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को शांति का संदेश दिया है. पीएम ने कहा कि आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. मुझे बहुत खुशी है कि आज हम पहली बार विस्तारित ब्रिक्स फैमिली के रूप में मिल रहे हैं. ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों और साथियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं.

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पीएम ने कहा कि पिछले एक वर्ष में रूस की सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति पुतिन का अभिनंदन करता हूं. दोस्तों, हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है. जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नॉर्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम को तोड़ने की बात हो रही है.

महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, एर्जरी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वाटर सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं और टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्यूरिटी, डीप फैक, फेक न्यूज जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं. ऐसे में ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं.

'विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी ग्रुप है ब्रिक्स'

मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी प्लेटफॉर्म के रूप में ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है. इस संदर्भ में हमारी approach people centric रहनी चाहिए. हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी ग्रुप है.

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हम युद्ध नहीं डायलॉग के हैं समर्थक: पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया. उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.

आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा. ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है. हमारे देशों के युवाओं में कट्टरता को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए. यूएन में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा. उसी तरह साइबर सिक्योरिटी, सेफ और secure AI के लिए ग्लोबल नियमों के लिए काम करना चाहिए.

'सभी देशों को करना होगा गाइडिंग का पालन'

दोस्तों, भारत नए देशों का ब्रिक्स पार्टनर देश के रूप में स्वागत करने के लिए तैयार है. इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिए और BRICS के founding members के विचारों का सम्मान करना चाहिए. जोहानिसबर्ग समिट में जो गाइडिंग प्रिंसिपल्स, मानक, मानदंड और प्रक्रियाओं को हमने अपनाया था, उनका पालन सभी सदस्य और पार्टनर देशों को करना चाहिए.

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ब्रिक्स ऐसा संगठन है जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखता है. हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए global institutions में सुधार के लिए एकमत होकर आवाज़ उठानी चाहिए.

PM ने रूस के राष्ट्रपति से की मुलाकात

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर रूस के कजान शहर पहुंचे थे. इससे पहले पीएम मोदी ने कजान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने द्विपक्षीय वार्ता में भी हिस्सा लिया. इस दौरान भारत-रूस के ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करते हुए पुतिन ने कुछ ऐसा कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खिलखिला उठे.

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