
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से जंग जारी है. इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी को दोहराया है. उनके इस बयान पर कई देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. यूक्रेन से लेकर अमेरिका तक ने पुतिन के बयान पर निशाना साधा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को जर्मन मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दुनिया उन्हें (पुतिन) परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देगी.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि रूस लगातार यूक्रेन के एक देश के रूप में बने रहने के उसके अधिकारों को ख़त्म करने का लक्ष्य बना रहा है. रूसी हमले के विरोध में अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है. इस दौरान बाइडेन ने सुरक्षा परिषद में वीटो के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात भी कही और ये भी कहा कि अमेरिका सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है.
यूक्रेन इस युद्ध को जीत रहा है- ब्रिटेन
एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वालेस ने भी पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके इस फैसले (3 लाख सैनिकों की तैनाती) से पता चलता है कि उनके सारे हमले विफल हो रहे हैं. किसी भी तरह की धमकियां और प्रचार इस बात को नहीं छिपा सकती कि यूक्रेन इस युद्ध को जीत रहा है. पुतिन ऐसा फैसला लेकर खुद के लिए राजनीतिक जोखिम को बढ़ा रहे हैं.
चीन की प्रतिक्रिया भी आई सामने
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने रूस की परमाणु की चेतावनी को लेकर दोनों पक्षों से बातचीत कर इसका समाधान निकालने का आग्रह किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि सभी को मिलकर समाधान निकालने की जरूरत है, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके.
रूस ने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया
गौरतलब है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है. पुतिन का ये ऐलान ऐसे वक्त पर आया, जब रूस यूक्रेन के चार हिस्सों को मिलाने की तैयारी में है. इसके लिए रूस शुक्रवार से इन इलाकों में जनमत संग्रह शुरू कराने जा रहा है. इन इलाकों में रहने वाले लोग 23-27 सितंबर के बीच अपना वोट डाल सकेंगे. उधर, यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने इस जनमत संग्रह को अवैध बताते हुए रूस पर निशाना साधा है.
पश्चिमी देशों को दी थी चेतावनी
पुतिन ने कहा था कि पश्चिमी देश रूस को तबाह और कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं. इन देशों ने हद पार कर दी है. इतना ही नहीं पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ, तो वे रूस के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे. पुतिन ने कहा कि इस चेतावनी को हल्के में लेने की भूल न की जाए.